नई दिल्ली: केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम का कांग्रेस पार्टी विरोध कर रही है। हरियाणा में चुनावों से पहले कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि केंद्र की यूनिफाइड पेंशन स्कीम कर्मचारी विरोधी है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एक अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद में हरियाणा में पुरानी पेंशन स्कीम को ही लागू करेगी।
पेरिस ओलंपिक में विजेता अमन सहरावत को सम्मानित करने वाले कार्यक्रम में हुड्डा ने कहा कि यूपीएस स्कीम कर्मचारियों के संग एक बहुत ही बड़ा धोखा है। उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी की जीत होगी। हुड्डा ने कहा कि यूपीएस में पूरी पेंशन के लिए 25 साल की सर्विस की लिमिट तय की गई है। सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी को इस स्कीम का होगा तो वह अर्धसैनिक बल हैं। कोई भी जवान अगर 25 साल से पहले रिटायर होगा तो उसको भारी नुकसान होगा। ऐसे में उसे केवल 10 हजार रुपये की पेंशन ही मिलेगी।
कांग्रेस सांसद ने एनपीएस पर भी खड़े किए सवाल
कांग्रेस सांसद ने एनपीएस पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब न्यू पेंशन स्कीम को लागू किया गया था तो इसे ओपीएस से बढ़िया बताया गया था और अब यूपीएस को भी उसी के जैसा दिखाने की कोशिश की जा रही है। हुड्डा ने कहा कि सच्चाई यह है कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को उनके अंशदान का 10 फीसदी हिस्सा भी नहीं मिलेगा। डीए हटाने के बाद में कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलेगा। लेकिन पांच साल में डीए का हिस्सा ज्यादातर मूल वेतन के बराबर या उससे ज्यादा हो जाता है। इसलिए यूनिफाइड पेंशन के तहत पेंशन आधी हो जाएगी।
हुड्डा ने कहा कि देश और राज्य के कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग काफी लंबे टाइम से कर रहे हैं। जनवरी 2024 से पहले लागू ओपीएस के तहत कर्मचारियों को उनके आखिरी मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर मिलता था और ओपीएस के बिल्कुल उलट यूनिफाइड पेंशन स्कीम अंशदायी है। यूपीएस के तहत कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और डीए का 10 फीसदी हिस्सा देना होगा और एंप्लोयर का योगदान इसमें 18.5 फीसदी का ही होगा।
केंद्र ने यूपीएस को दी मंजूरी
बता दें कि मोदी कैबिनेट ने 24 अगस्त को यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है। इसमें एक जनवरी 2004 के बाद सर्विस में शामिल होने वालों के लिए मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन का ऐलान किया गया है। यूपीएस का ऑप्शन चुनने वाले कर्मचारी 25 साल की सर्विस के बाद में पेंशन के हकदार होंगे।