चेन्नई : अमेरिका का एक नौसैनिक जहाज मरम्मत के लिए भारत पहुंचा है. भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के चेन्नई स्थित शिपयार्ड में अमेरिकी जहाज की मरम्मत की जाएगी. इसे दोनों देशों के बीच साझेदारी में एक पायदान और आगे बढ़ने की तरह देखा जा रहा है.
ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी अमेरिकी नौसैनिक जहाज ने मरम्मत और देखरेख के लिए भारत का रुख किया है.
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, यह अमेरिका का पहला नौसैनिक जहाज है, जिसकी भारत में मरम्मत होगी. जहाज की देखरेख के लिए अमेरिकी नौसेना ने लार्सन एंड टुब्रो शिपयार्ड के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया था. इस कदम से वैश्विक शिप रिपेयरिंग बाजार में भारत के शिपयार्ड की क्षमताओं के महत्व का पता चलता है.
अमेरिका नौसेना का जहाज चार्ल्स ड्रयू (Charles Drew) 11 दिनों के लिए कट्टुपल्ली शिपयार्ड पर होगा और इसकी मरम्मत की जाएगी. अप्रैल में दोनों देशों के बीच हुई बैठक के दौरान अमेरिकी जहाजों की मरम्मत और रखरखाव के लिए भारत के शिपयार्ड्स के इस्तेमाल की संभावनाओं को भुनाने पर सहमति बनी थी.
लार्सन एंड टुब्रो के डिफेंस एंड स्मार्ट टेक्नोलॉजीज के सीईओ के सलाहकार और कार्यकारी परिषद के सदस्य जेडी पाटिल ने कहा कि अमेरिकी नौसेना के मरीन सीलिफ्ट कमांड ने भारत के चुनिंदा शिपयार्ड्स का आकलन कर अमेरिकी नौसैनिक जहाजों की मरम्मत और देखरेख के लिए लार्सन एंड टुब्रो को हरी झंडी दिखाई.
भारत सरकार के रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने इसे भारतीय शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री और भारत, अमेरिका रक्षा संबंधों के लिए यादगार पल बताया. उन्होंने कहा कि मरम्मत के लिए अमेरिकी नौसैनिक जहाज चार्ल्स ड्र्यू का भारत पहुंचना भारतीय शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री के परिपक्व होने का संकेत है.
उन्होंने कहा, आज भारत की छह बड़ी शिपयार्ड्स का टर्नओवर लगभग दो अरब डॉलर है. हम अपनी जरूरतों के लिए ही जहाज नहीं बनाते बल्कि हमारा खुद का डिजाइन हाउस भी है, जो हर तरह के अत्याधुनिक जहाजों का निर्माण करने के लिए सक्षम है. भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक विक्रांत (Vikrant) भारतीय शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ का उदाहरण है.
कुमार ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंधों में विस्तार हो रहा है. अगले दो से तीन सालों में भारत में हमारे पहले मरीन डीजल इंजन को तैयार किया जाएगा. अमेरिकी नौसैनिक जहाज चार्ल्स ड्रयू मरम्मत के लिए सात अगस्त से 17 अगस्त तक बंदरगाह पर होगा.
चेन्नई में अमेरिकी कॉन्सुल जनरल जुडिथ रैविन ने कहा, अप्रैल में अमेरिका, भारत बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने अमेरिकी नौसैनिक जहाजों की मरम्मत के लिए भारतीय शिपयार्ड्स के इस्तेमाल को एक्सप्लोर करने की इच्छा की पुष्टि की थी.
लार्सन एंड टुब्रो के कट्टूपल्ली शिपयार्ड में अमेरिकी नौसैनिक चार्ल्स ड्रूय की मरम्मत होना हमारी मजबूत भारत, अमेरिका साझेदारी का प्रतीक है.