पिथौरागढ़. भारत में अगर गुफा मंदिरों की बात की जाए, तो यहां कई रहस्यमयी मंदिर गुफाएं हैं और कई ऐसे मंदिर भी हैं, जो सभी के लिए आश्चर्य का विषय बने हुए हैं. बात अगर भारत के गुफा मंदिरों की करें तो उनमें सबसे पहले नामों में पाताल भुवनेश्वर (Patal Bhuvaneshvar Pithoragarh) की गुफा का जिक्र आता है, जो उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. इस गुफा में तमाम ऐसे रहस्य छुपे हैं, जिनका अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया है. कहा जाता है कि इस गुफा में दुनिया के खत्म होने का रहस्य भी छिपा है. यहां कलयुग का एक पत्थर है, जो हर साल बढ़ता है और ऐसी मान्यता भी है कि जिस दिन यह पत्थर गुफा के शीर्ष को छू जाएगा, कलयुग का अंत हो जाएगा.
इस रहस्यमयी गुफा का नाम पाताल भुवनेश्वर है. यह गुफा पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट क्षेत्र में स्थित है. इस गुफा के बारे में सनातन धर्म में उल्लेख किया गया है. यह बेहद रहस्यमयी गुफा है, जो समुद्र तल से 90 फीट गहरी है. गुफा के अंदर प्रवेश करते ही तमाम देवी देवताओं की प्राकृतिक रूप से बनी मूर्तियां हैं. ऐसा भी माना जाता है कि यहां गणेश जी का कटा हुआ सिर भी रखा हुआ है और शेषनाग जैसी प्रतिमाएं भी यहां देखने को मिलती हैं. अगर स्कंदपुराण के अनुसार बात की जाए, तो पाताल भुवनेश्वर गुफा मंदिर में भगवान शिव रहते हैं. इसी मंदिर में सभी देवी-देवता भगवान शिव की पूजा करने भी आते हैं.
मंदिर में चार द्वार
पुराणों के अनुसार, मंदिर में चार द्वार हैं पहला रणद्वार, दूसरा पापद्वार, तीसरा धर्मद्वार और चौथा मोक्षद्वार है. ऐसा बताया जाता है कि जब रावण का वध हुआ था, तब पाप का दरवाजा बंद हो गया था. कुरुक्षेत्र में महाभारत के बाद रणद्वार बंद कर दिया गया था.
किसने की इस मंदिर गुफा की खोज?
पुराणों में इस रहस्यमयी मंदिर की खोज सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्णा ने की थी. त्रेतायुग में ऋतुपर्णा ही अयोध्या में शासन किया करते थे. तभी इसी स्थान पर नागों के राजा अधिशेष ऋतुपर्णा की मुलाकात हुई थी. नागों के राजा इस गुफा के अंदर राजा ऋतुपर्णा को लेकर गए थे, उन्हें भगवान शिव के दर्शन हुए थे. इसके बाद पांडवों ने द्वापर युग में इस रहस्यमयी गुफा को खोजा था और उन्होंने यहां पूजा-अर्चना शुरू की. अपने अनोखे महत्व और मान्यताओं के आधार पर देश के कोने कोने से लोग इस गुफा के दर्शन करने पहुंचते हैं और यह गुफा वाकई में सभी को आश्चर्य में डाल देती हैं, जो वाकई में पाताल जाने जैसा अनुभव कराती है.