देहरादून: रणजी ट्रॉफी 2021-22 सीजन के दूसरे क्वार्टर फाइनल में मुंबई ने उत्तराखंड को रिकॉर्ड 725 रनों से हरा दिया। मुंबई की ये बड़ी जीत वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गई, लेकिन उत्तराखंड के लिए ये अनुभव बेहद शर्मनाक रहा। प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 250 सालों के इतिहास में किसी टीम की रनों के लिहाज से यह सबसे बड़ी जीत थी। मैच हारने के बाद उत्तराखंड की टीम को लेकर तमाम विवाद भी हुए। मीडिया रिपोर्ट्स मे कहा गया कि उत्तराखंड की टीम कागजों पर करोड़ों रुपये खर्च दिखाती है, लेकिन खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रूप में सिर्फ 100 रुपये देती है।
उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खिलाड़ियों के खाने-पीने के खर्चे को सामने किया है, हालांकि इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे। सीएयू के मुताबिक खिलाड़ियों को दैनिक भत्ते के रूप में 49 लाख 58 हजार रुपये दिए गए। खाने-पीने पर 1.74 करोड़ रुपये का खर्चा आया।
हैरानी इस बात की है कि केले खरीदने के लिए एसोसिएशन ने 35 लाख रुपये खर्च दिए, जबकि 22 लाख रुपये पानी की बोतलों पर खर्चे गए। सीएयू पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। हालांकि एसोसिएशन ने एक विज्ञप्ति जारी कर अपनी सफाई दी है।
सीएयू के मुताबिक खिलाड़ियों को 2021-22 सीजन में 1250 और सपोर्ट स्टाफ को 1500 रुपये दैनिक भत्ते के रूप में दिए जाते हैं। खबर थी कि मुंबई के खिलाफ मैच से पहले खिलाड़ियों को डीए नहीं दिया गया, उनके लिए खाना नहीं मंगवाया गया। इसे लेकर एसोसिएशन का कहना है कि बायो-बबल के कारण खिलाड़ी बाहर खाने नहीं जाते थे। उनके लिए होटल में ही खाना मंगवाया गया। खिलाड़ियों के दैनिक भत्ते से ही इसका भुगतान किया गया। बता दें कि उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन की ऑडिट रिपोर्ट पर भी खिलाड़ी ऐतराज जता चुके हैं। उनका कहना था कि खिलाड़ियों को मैच फीस या दैनिक भत्ते पूरे नहीं दिए गए। खिलाड़ियों ने प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न के आरोप भी लगाए हैं।