देहरादून। मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना में शामिल होने वाले पलायन प्रभावित प्रत्येक गांव के लिए पांच साल की योजना तैयार की जाएगी। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को हुई योजना की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इसके निर्देश दिए। साथ ही सप्ताहभर के भीतर इस बारे में सुझाव देने को कहा।
अपर मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना में प्रतिवर्ष 20 करोड़ रुपये की राशि तो पलायन प्रभावित गांवों में खर्च की जा रही है, लेकिन यह देखा जाना आवश्यक है कि इसका प्रतिफल क्या है।
इसके अंतर्गत कितने लोग वापस गांव लौटे, खेती कितनी बढ़ी जैसे बिंदुओं की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि योजना में सीमित बजट को देखते हुए भले ही गांव कम शामिल हों, लेकिन प्रत्येक गांव के लिए पांच वर्ष की योजना बननी चाहिए।
योजनाओं की मानीटरिंग करे जिला स्तरीय कमेटी
अपर मुख्य सचिव शहरी विकास आनंद बर्द्धन ने शहरी विकास विभाग के अंतर्गत संचालित केंद्र पोषित व बाह्य सहायतित योजनाओं की नियमित मानीटरिंग पर जोर दिया। उन्होंने जिला स्तर पर जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित कमेटियों से अपेक्षा की कि वे हर सप्ताह मानीटरिंग करना सुनिश्चित करें।
उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने को सचिव ने की वार्ता
उच्च शिक्षा को रोजगारपरक और उद्यमिता उन्मुख बनाने के लिए उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली ने ईडीआइआइ संसथा के महानिदेशक डा सुनील शुक्ला से वार्ता की। सचिवालय में बुधवार को इस बैठक में डा सुनील शुक्ला ने आश्वस्त किया कि राज्य के विकास में उनकी संस्था हर संभव सहयोग करेगी।
उन्होंने संस्था को उच्च शिक्षा के साथ ही राज्य के विकास में भागीदार बनाने पर खुशी व्यक्त की। सचिव शैलेश बगोली ने कहा कि संस्था के सहयोग से उच्च शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने में सहायता मिलेगी।