देहरादून। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 38वें राष्ट्रीय खेलों मौली संवाद व खेल वन स्थापना के अवसर पर कहा है कि हमारे 38वें राष्ट्रीय खेलों के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में जुडऩे जा रहा है और क्योंकि यह पहला आयोजन है और ग्यारह स्थानों पर हो रहा है और कभी पर हैंगर नहीं लगाया और बेहतर स्ट्रक्चर तैयार किये गये है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के दो पहले गांवों में राष्ट्रीय खेल हो रहे है और एक भी प्रतियोगिता कराने के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ा क्योंकि यहां पर सभी प्रकार की सुविधिायें उपलब्ध कराई। प्रदेश में खेलों के क्षेत्र में अनेक स्ट्रक्चर बन गये है। यहां दून स्थित महाराणा प्रताप स्पोर्टस कालेज रायपुर में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत मौली संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ग्यारह स्थानों पर खेल हो रहे है।
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, रायपुर देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत होने वाले मौली संवाद कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ। इस अवसर पर आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स (ड्रोन दीदी) में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली युवतियों को पुरस्कार स्वरूप ड्रोन देकर… pic.twitter.com/yDnsuJC0qt
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 12, 2025
हरिद्वार में शानदार हॉकी के मैच हो रहे है और टिहरी में भी प्रतियोगितायें हो रहे है और सीमा रेखा नेपाल से सटे राफ्टिंग प्रतियोगिता पहली बार गिनीज ऑफ वर्ल्ड में शामिल हो गई है और मलखंब चकरपुर स्टेडियम जो भारत का पहला गांव है ने मलखंब व राफ्टिंग प्रतियोगितायें हुई है और पहले अंतिम छोर के गांव को अंतिम गांव कहा जाता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 में भारत के अंतिम गांव माणा गांव को पहले गांव की संज्ञा दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तब से वह भी अंतिम गांव को पहला गांव कहते आ रहे है। उन्होंने कहा कि जमीन, जंगल, झरने व बहते हुए पानी में प्रतियोगितायें हो रही है और एक खेल की प्रतियोगिता कराने के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन खिलाडिय़ों से बात की और उनके साथ भोजन किया और सभी खिलाडियों ने उत्तराखंड से शानदार यादगार लेकर जा रहे है।
पिछले साल गोवा में हुए राष्ट्रीय खेलों में 25वें स्थान पर थे लेकिन इन खेलों में इस बार के राष्ट्रीय खेलों में 80 पदक जीते है और एक दो स्वर्ण पदक और आ जायेंगें तो छठे स्थान पर आ जायेंगें और देवभूमि देवों से आच्छादित है और वीरभूमि इसलिए कहते है कि यहां का हर पांचवां व्यक्ति सेना में है और इसके साथ राष्ट्रीय खेल खेल भूमि के रूप से स्थापित हो रही है।
उन्होंने कहा कि कोई देश के लिए प्रदेश व राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का अवसर मिलेगा और सभी को अपनी ओर से शुभकामनायें दी और उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में अनेक क्षेत्रों में स्ट्रक्चर बन गये है और हर स्थान पर स्ट्रक्चर बन गये है और यह इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत काम किया है और यह समय खेलने का है और यह मौका बार बार नहीं आने वाला है और समय बहुमूल्य है और इसका कोई मूल्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि लगातार उत्तराखंड को पदक मिल रहे है और 2.77 वर्ग मीटर भूमि को खेलभूमि के रूप में स्थापित कर रहे है और खेल वन की स्थापना की जा रही है और 1600 पेड लगाये जायेंगें और हर खिलाडी के नाम से एक पेड़ लगाया जायेगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करेगा। उन्होंने खिलाडियों की ऊर्जा और सफलता की गाथा के रूप में जानी जायेगी और जो पदक बनाये गये है वह ई वेस्ट से तैयार किये गये है और खेलों से जुड़े आमंत्रण पत्र बेस्ट मटिरियल से बनाये गये है।
उन्होंने कहा कि परिसर में दो मेगावाट सोलर प्लांट लगाया गया है और सौन्दर्यीकरण के लिए ई वेस्ट का प्रयोग किया गया है और विशाल टाईगर भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की यह खेल पूरी तरह से सफल रहेंगें और हरित अभियान को विकल्प रहित संकल्प में सहभागी बने और पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दें।
ड्रोन दीदी का प्रशिक्षण हासिल करने वालों को सम्मानित किया गया। उन्होंने सभी के उज्जवल भविष्य की कामना की है ओर खेल संस्कृति राज्य में महत्वपूर्ण रूप में आगे आया है और खिलाडी अपना उज्जवल भविष्य बनायेंगें। इस अवसर पर अनेक जन प्रतिनिधि, अधिकारी, खिलाड़ी आदि उपस्थित रहे।