ऋषिकेश। विक्रम और ओटो के परमिट को डीजल से बदलकर सीएनजी में किए जाने पर उत्तराखंड विक्रम टेम्पो महासंघ ने विरोध जताया है। इसके विरोध में वे मंगलवार को चक्का जाम कर देहरादून में विधानसभा का घेराव करेंगे। तिपहिया वाहनों का संचालन ठप रहने से मंगलवार को लोगों को आवागमन में भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
सोमवार को हरिद्वार मार्ग स्थित उत्तराखंड विक्रम टेम्पो महासंघ कार्यालय में परिवहन संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। महासंघ अध्यक्ष मंहत विनय सारस्वत ने कहा कि उत्तराखंड में सरकारी अधिकारी पूंजीपतियों से मिल कर उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए विक्रम एवं अन्य तिपहिया वाहनों को सड़कों से हटाने का प्रयास कर रहे हैं। आरोप लगाया कि आरटीए की बैठक में उद्योगपतियों के दवाब में विक्रम व तिपहिया वाहनों को सड़कों से बाहर करने का आदेश दे दिया गया। इसके विरोध में मंगलवार को चक्का जाम किया जाएगा। सभी विक्रम, जेएसए, थ्रीव्हीलर, ई-रिक्शा संचालक वाहनों को अपने घरों पर खड़ा कर बसों से देहरादून प्रस्थान करेंगे और विधान सभा घेराव में शिरकत करेंगे।
विधान सभा घेराव के लिए काशीपुर, रुद्रपुर, हल्दानी, किच्छा, लालकुंआ एवं बाजपुर की विक्रम एंव तिपहिया संस्थाओं ने भी पूर्ण समर्थन दिया है। मुनिकिरेती विक्रम यूनियन के अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि कहा कि विक्रम संचालक अपने वाहनों की आयु सीमा 15 वर्ष पूर्ण होने के बाद सीएजी में कन्वर्ट कराने को तैयार है। लेकिन सरकार इन वाहनों को 10 वर्ष में ही बाहर कर रही है। यह उचित नहीं है। जबकि क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में सीएनजी पंप भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सीएनजी वाहन कैसे चलाए जाएंगे। इस दौरान परिवहन संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस योजना को धरातल पर उतराने से पहले सभी क्षेत्रों में सीएनजी पंप खोले जाएं और वाहनों की आयु सीमा 15 वर्ष पूरी करने के पश्चात ही सीएनजी में तब्दील किया जाए।