देहरादून : उत्तराखंड को अब वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुझाव पर धामी सरकार की कवायद शुरू हो गई है। यहां वेडिंग डेस्टिनेशन को बड़े स्तर पर ले जाने की तैयारी है। पहले चरण में छह स्थानों को वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए चिन्हित किया गया है।
गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के पांच और कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के एक गेस्ट हाउस को भी वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। जीएमवीएन के एमडी विनोद गिरी गोस्वामी के अनुसार, गढ़वाल में त्रियुगीनारायण, ऋषिकेश, तिलवाड़ा, डाकपत्थर के साथ कालेश्वर में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए काम होगा। दूसरे चरण में कण्वाश्रम और लैंसडौन गेस्ट हाउस को विकसित किया जाएगा। दूसरी ओर, केएमवीएन के एमडी संदीप तिवारी ने बताया कि कुमाऊं मंडल में वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए नौकुचियाताल स्थित परिचय रिजॉर्ट को चुना गया है। आने वाले दिनों में दूसरी जगहों पर भी काम होगा।
रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद
अफसरों के अनुसार, इस कवायद से उत्तराखंड को लाभ होगा। वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में पहचान मिलने से यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे। और, छोटे कारोबारियों को भी काम मिलेगा। साथ ही, वैश्विक स्तर पर उत्तराखंड को नई पहचान मिल सकेगी।
गेस्ट हाउस और आसपास भी सौंदर्यीकरण हो सकेगा
गोस्वामी ने बताया, वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए गेस्ट हाउस और आसपास के इलाकों का सौंदर्यीकरण होगा। जिस गेस्ट हाउस में बारातघर नहीं हैं, वहां बारातघर के साथ मंडप बनाया जाएगा। ठहरने के इंतजाम किए जाएंगे। बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।
मोदी ने दिया था ‘वेड इन इंडिया’ का नारा
आठ दिसंबर को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए देहरादून पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से ‘वेड इन इंडिया’ का नारा दिया था। उन्होंने शादियों के लिए देश से बाहर जा रहे अमीर तबके के लोगों से अपील की थी कि वो उत्तराखंड में शादी समारोह आयोजित करें। मोदी ने कहा था कि उत्तराखंड में वेडिंग डेस्टिनेशन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार को इस पर काम करने की सलाह दी थी।