नई दिल्ली। भारतीय नौसेना में शामिल हैवीवेट अंडर वॉटर टॉरपीडो वरुणास्त्र के शामिल होने के बाद से नौसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ. वरुणास्त्र टॉरपीडो के शामिल होने के बाद से दुश्मन का अब कोई सबमरीन भारतीय नौसेना के जंगी जहाज के आस पास फटक ही नहीं सकता. रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद ने नौसेना के लिए वरुणास्त्र की खरीद को हरी झंडी दे दी है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई DAC की बैठक में सेना के तीनों अंगों के लिए 54000 करोड रुपये की रक्षा रखीद को मंजूरी दी है. इसमें नौसेना के वॉरशिप के लिए वरुणास्त्र भी शामिल है. मौजूदा चुनौती और नौसेना की तैयारियों की जरूरत के हिसाब से इस खरीद का फैसला लिया
स्वदेशी टॉरपीडो की खासियत है जबरदस्त
2016 में वरुणास्त्र को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. यह पूरी तरह से स्वदेशी टॉरपीडों है. इस वरुणास्त्र को नौसेना में शामिल करने से पहले इसके 130 से ज्यादा टैकनिकल परिक्षण किए गए थे. यह शिप से लॉन्च किए जाने वाले इस हैवीवेट अंडर वॉटर टॉरपीडो है. ट्रेनिग टॉरपीडो वर्जन का वजन 1600 किलो के करीब है. इसका कॉम्बेट वर्जन 250 किलो की हाई एक्सप्लोसिव के साथ 1850 किलो है. यह इसकी मारक क्षमता की बात करे तो यह 8 मीटर से 600 मीटर गहराई तक किसी भी दुशमन के सबमरीन को सटीक निशाना बना सकता है. लॉन्च होने के बाद यह टॉरपीडों 40 से 50 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ़्तार से टार्गेट की तरफ बड़ता है. भारत डायनैमिक्स लिमिटेड इसका निर्माण कर रही है. यह टॉरपीडो मल्टी मनूवरिंग क्षमता के साथ लॉंग रेंज तक अपने किसी भी दुश्मन के पनडुब्बी को समुद्र की तलहटी में हमेशा के लिए लिटा सकता है.
नौसेना के सभी वॉरशिप वरुणास्त्र से हैं लैस
भारतीय नौसेना के विशाखपत्तनम, दिल्ली, कोलकाता और राजपूत क्लास के सभी डेस्ट्रायर को वरुणास्त्र से लैस किया गया है. कमोर्टा क्लास कोवर्ट, नीलगिरी , तेग और तलवार क्लास फ्रीगेट में भी वरुणास्त्र को फिट किया जा चुका है. आत्मनिर्भर भारत के तहत नौसेना को स्वदेशी तकनीक से लेस किया जा रहा है. ज़्यादातर जंगी जहाज अब स्वदेशी है. जितने भी भविष्य में बनने है यह स्वदेशी हैवीवेट अंडर वॉटर टॉरपीडो से लैस होंगे. ब्लू वॉटर में चीन की दादागिरी को भी वरुणास्त्र चुनौती दे रहा है. चीन के रहमोकरम पर अपनी सबमरीन ताकत में इजाफा कर रहे पाकिस्तान को यह सीधा स्वदेशी संदेश है. हमस टकराओगे तो समंदर की गहराइयों में पहुंच जाओगे.