नई दिल्ली। पंजाब के पटियाला स्थित एक यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में कुलपति के अचानक पहुंचने से बवाल हो गया। आरोप लगाए जा रहे हैं कि कुलपति छात्राओं के कमरे में गए और उनके कपड़ों को लेकर आपत्तिजनक सवाल भी पूछे। हालांकि, इसे लेकर विश्वविद्यालय की तरफ से इस घटना को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। विरोध प्रदर्शन कर रहीं छात्राओं ने कुलपति के इस्तीफे और माफी जारी करने की मांग की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ (RGNUL) में छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। छात्राओं के आरोप हैं कि कुलपति बगैर किसी पूर्व सूचना या अनुमति के हॉस्टल परिसर में पहुंच गए। अखबार के अनुसार, विश्वविद्यालय के दिशानिर्देशों में साफ है कि गर्ल्स हॉस्टल परिसर में RGNUL से जुड़ी सिर्फ महिला सदस्य ही प्रवेश कर सकती हैं। यहां तक कि पैरेंट्स को भी एंट्री की अनुमति नहीं है।
आरोप- नहाकर निकली छात्रा को कपड़े पहनने का भी समय नहीं दिया
प्रदर्शकारी छात्रों का कहना है कि कुलपति दावा कर रहे हैं कि उनके आने की वजह मेस का निरीक्षण और प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए अपर्याप्त व्यवस्था का मुद्दा था। अखबार से बातचीत में एक छात्रों ने कहा, ‘कुलपति ने ऐसे निरीक्षण को लेकर कोई भी पूर्व सूचना छात्रों या हॉस्टल के वार्डन को नहीं दी थी। साथ ही जब तक कि उन्हें सूचना नहीं दी गई, उनके साथ कोई महिला फैकल्टी या गार्ड भी नहीं थीं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘वीसी छात्राओं के कमरे में पहुंच गए, जिन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी और ऐसे में असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। उदाहरण के लिए शॉवर लेकर लौटी छात्रा से तुरंत वीसी ने सवाल करना शुरी कर दिया। उसे ठीक से कपड़े पहनने का भी पर्याप्त समय नहीं दिया। एक अन्य छात्रा ने जब बगैर सूचना के इस दौरे की वजह जाननी चाही, तो वीसी ने कहा कि लड़कियां उनकी बेटी की तरह हैं और वह उनसे गलत व्यवहार नहीं कर रहे हैं।’
आरोप ये भी लगाए जा रहे हैं कि वीसी प्रथम वर्ष के छात्रों पर ध्यान के बजाए तीसरे वर्ष की स्टूडेंट्स के कमरे देख रहे थे। उन्होंने दावा किया कि वीसी ने छात्राओं के कपड़ों, निजी गतिविधियों और शिक्षण को लेकर अनुचित टिप्पणियां की हैं। इसपर, रविवार और सोमवार को वीसी ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह सभी छात्राओं को अपनी पोती की तरह मानते हैं।
आगे क्या
स्टूडेंट्स वीसी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने बगैर शर्त माफी की भी मांग की है। खबर है कि छात्रों की सुनवाई के लिए सोमवार दोपहर एक बैठक बुलाई गई थी। साथ ही विश्वविद्यालय ने छात्रों की परेशानियों के समाधान के लिए 9 सदस्यीय समिति का भी गठन किया है।