शनिवार 17 जून को आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि सुबह 9 बजकर 12 मिनट से लग रही है। इस अमावस्या तिथि पर शनि महाराज की चाल बदल रही है, शनि अपनी ही राशि कुंभ में वक्री हो रहे हैं। साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग बना है। चंद्रमा वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में होंगे। इन स्थितियों में शनि महाराज की कृपा प्राप्ति और कुंडली में मौजूद ग्रह दोष को दूर करने के लिए आषाढ़ शनि अमावस्या 17 जून को कुछ आसान ज्योतिषीय उपायों को आजमाएं तो शनि महाराज कर देंगे आपकी लाइफ का काया पलट।
शमी से पाएं नीलम रत्न की शक्ति
शमी के पेड़ की जड़ को नीले अपराजिता के पत्तों के साथ नीले अथवा काले वस्त्र के में लपेट कर दांयीं बाजू में बांध ले। इसके साथ साथ ही शनि स्तोत्र का 11 बार पाठ करें। इस उपाय से नीलम के समान शमी आपके लिए काम करेगा। नीलम शनि का रत्न है जो शनि के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करके सुख समृद्धि और उन्नति प्रदान करता है।
हनुमानजी को लंगोटा और रोट का लड्डू भेंट करें
ऐसी मान्यता है कि अगर हनुमानजी को चोला और रोट का लड्डू भेट किया जाए तो व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ हनुमानजी लड्डू अर्पित करने से पापी ग्रह भी शांत हो जाते हैं। इसके अलावा हनुमानजी को लाल लंगोट भी भेट करनी चाहिए।
उड़द दाल से खिचड़ी बनाकर भूखे लोगों में वितरण करें
शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन भूखे लोगों को उड़द दाल की खिचड़ी खिलाएं। ऐसा करने से शनिदेव की विशेष कृपा व्यक्ति पर बनती है और मनोकामना पूरी होने के साथ-साथ धन धान्य कभी कोई कमी नहीं रहती है।
शनि अमावस्या पर करें नारियल के उपाय
नारियल का ऊपरी भाग काटकर नारियल में आटा, चीनी, तिल मिलाकर भर दें। इसके बाद नारियल में एक छेद करके कटे भाग को नारियल के ऊपर रखकर काले कपड़े या धागे को नारियल पर लपेट दे। ध्यान रखें कि नारियर में किया गया छेद बंद न हो। इस नारियल को किसी सुनसान स्थान में जहां काली चीटियां रहती हों भूमि में दबा दे। अगर यह स्थान पीपल के वृक्ष के नीचे हो तो अति उत्तम होगा।
मछलियों को दाना डालें
शनि अमावस्या पर अक्वेरियम ले आएं और मछलियों को नियमित आहार देना शुरू करें। अगर ऐसा संभव न हो तो तो नदी या तालाब में शनि महाराज का ध्यान करते हुए आटे की गोलियां मछलियों को दें।