देहरादून : सरकारी महकमों की हालत किसी से छिपी नहीं है। आम इंसान को बिना सुविधा शुल्क दिए महकमों में काम कराना कितना मुश्किल है ये बात जगजाहिर है। विजिलेंस अब तक शिकायतों के बाद तहसील से लेकर अन्य विभागों में रिश्वतखोराें को दबोचती रही है। हरिद्वार के इतिहास में देखा जाए तो रिश्वत लेते हुए पहली बार खाकी पर हाथ डाला है।
महकमों में तैनात अफसरों से लेकर कर्मियों को मोटी तनख्वाह मिलती है, लेकिन विभागों में काम कराने आने वाले लोगों का काम बिना सुविधा शुल्क के कम ही होता है। अधिकांश काम की एवज में रिश्वत मांगी जाती है। इसकी गवाही पूर्व में रिश्वत लेते हो चुकी गिरफ्तारियों के आंकड़े दे रहे हैं।
कई कर्मियों को विजिलेंस रिश्वत लेते गिरफ्तार कर चुकी
बीते साल अक्तूबर में हरिद्वार तहसील में तैनात रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश मारवाह को विजिलेंस ने 2,800 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। अप्रैल 2022 में ऊर्जा निगम के एसडीओ संदीप शर्मा को 20 हजार की रिश्वत लेते धरा था। इससे पूर्व हरिद्वार तहसील, रुड़की तहसील, मंडी समिति में कई कर्मियों को विजिलेंस रिश्वत लेते गिरफ्तार कर चुकी है।
सिपाही को बीते वर्ष ठग गैंग के साथ किया था गिरफ्तार
विजिलेंस अभी तक पुलिसकर्मी पर हाथ नहीं डाल पाई, लेकिन एसटीएफ ने अप्रैल 2021 में नशा तस्करों से सांठगांठ में ज्वालापुर में तैनात रहे सिपाही अमजद, हरिद्वार एंटी ड्रग्स फोर्स में नियुक्त रहे रईस राजा को गिरफ्तार किया था, जबकि ज्वालापुर में ही तैनात सिपाही यशपाल सिंह को बीते वर्ष फरवरी में हरियाणा पुलिस ने ठग गैंग के साथ गिरफ्तार किया था। वर्ष 2017 में रुड़की में अग्निशमन विभाग के एफएसओ रहे बृजलाल डबराल को फैक्टरी संचालक से एनओसी देने के नाम पर 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया गया था।
सरकारी क्वार्टर को बनाया रिश्वतखोरी का अड्डा
ज्वालापुर कोतवाली में दूसरी मंजिल पर दरोगाओं के कमरे बने हैं। चर्चा है कि इन्हीं कमरों को दरोगा दफ्तर के रूप में इस्तेमाल करते हैं। जहां वादी, प्रतिवादी को पूछताछ के लिए बुलाया जाता। जहां धारा घटाने-बढ़ाने से कई काम की एवज में दाम तय होते हैं। विजिलेंस ने भी दरोगा के कमरे पर छापा मारा और रंगेहाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ा।
कइयों के चेहरों को उड़ीं हवाइयां
कोतवाली में विजिलेंस का छापा पड़ते ही कई पुलिसकर्मियों के चेहरों की हवाइयां उड़ गईं। आरोपी दरोगा के साथ रहने वाले कई दरोगा सफाई पेश करते नजर आए, जबकि पुलिसकर्मी इधर-उधर खड़े होकर चर्चाएं करते रहे। सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल तत्काल कोतवाली पहुंच गई। सीओ निहारिका और कोतवाल आरके सकलानी ने कर्मियों संग बैठक कर दिशा-निर्देश भी दिए