आज गणेश चतुर्थी का आरंभ हो चुका है। पंडालों और घरों में श्रद्धालुजन गणेशजी की पूजा अर्चना कर रहे हैं। घर-घर में श्रद्धालुजन गणपति बप्पा की जय और गणेशजी की जय का जयघोष कर रहे हैं। करोना के प्रभाव में कमी आने से 2 साल बाद गणेश पूजा पर लोगों में उत्साह भी जमकर है तो अबकी बार गणेशजी भी बेहद शुभ संयोग में भक्तों को दर्शन और आशीर्वाद देने आए हैं। ज्योतिषगण कह रहे हैं कि अबकी बार करीब 300 साल बाद गणेश चतुर्थी पर ऐसा संयोग बना है जो भक्तों के लिए बेहद ही मंगलकारी है।
गणेशोत्सव पर बहुत से लोग 10 दिनों के लिए गणपति बैठाते हैं। जबकि कुछ लोग 1 दिन 4 दिन और 5 दिनों के लिए भी गणपति बैठाते हैं। ऐसे में जो लोग 10 दिनों के लिए गणपति बैठा रहे हैं उनके लिए अच्छी बात यह है कि अबकी बार गणेशोत्सव में तिथियों का क्षय नहीं है जिससे पूरे 10 दिनों के लिए गणपति की पूजा कर पाएंगे।
रवियोग में गणेश चतुर्थी की पूजा
अबकी बार गणेश चतुर्थी के दिन पूरे दिन रवि नामक शुभ योग प्रभाव में रहेगा। सूर्य ग्रह से संबंधित यह योग अनेक ग्रह दोषों को दूर करने वाला और बेहद मंगलकारी है। इस योग में गणेशजी की पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होंगे।
गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ऐसा संयोग
गणेश चतुर्थी के दिन इस साल ऐसा संयोग बना है कि 4 ग्रह अपनी राशि में संचार करेंगे। सूर्य सिंह राशि में हैं, बुध कन्या राशि में हैं, शनि मकर राशि में हैं, गुरु अपनी राशि मीन में हैं। माना जा रहा है कि करीब 300 साल बाद ऐसा हो रहा है कि गणेश चतुर्थी के दिन 4 बड़े ग्रह अपनी ही राशि में संचार कर रहे हैं। इस पर यह भी संयोग है कि गणेश चतुर्थी के दिन 5 राज योग भी बन रहे हैं और गुरु लंबोदर योग का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे में गणेशजी का भांति-भांति के पकवानों और मोदक का भोग लगाकर पूजा करना बहुत ही शुभ फलदायी होगा।
गणपति जन्म दिवस योग
अबकी बार गणेश चतुर्थी 31 अगस्त के दिन कुछ ऐसा संयोग भी बन गया है जैसा कि गणपति के जन्म के समय बना था। इसलिए इस संयोग को गणपति जन्म दिवस योग भी माना जा रहा है दरअसल गणेश चतुर्थी अबकी बार बुधवार को है। दोपहर के समय चित्रा नक्षत्र भी प्रभाव में है। माना जाता है कि इन्हीं संयोगों के बीच देवी पार्वती ने अपनी दिव्य शक्तियों से गणपति की प्रतिमा का निर्माण कर उन्हें प्राण प्रतिष्ठा प्रदान की थी।