Wednesday, May 14, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home कला संस्कृति

विश्व का इकलौता त्रिकोण है विंध्याचल धाम, यहां ईशान कोण पर विराजती हैं तीन महाशक्तियां

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
26/09/22
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
विश्व का इकलौता त्रिकोण है विंध्याचल धाम, यहां ईशान कोण पर विराजती हैं तीन महाशक्तियां
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

यूपी के मिर्जापुर में विंध्य पर्वत पर स्थित विंध्याचल महाशक्ति पीठ की श्रेणी में आता है. यहां पर एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन महाशक्तियां विंध्य पर्वत पर एक साथ विराजमान हैं. इन्हें महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती कहा जाता है. ये तीनों देवियां ईशान कोण पर विराजमान हैं, जिसे त्रिकोण भी कहा जाता है. कहते है कि ब्रह्माण्ड में यह इकलौता स्थान है, जहां पर तीनों देवियां एक साथ अपने भक्तों का कल्याण करती हैं. करीब 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस त्रिकोण की पैदल यात्रा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

कहते हैं कि एक महाशक्ति का दर्शन करने से कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं, लेकिन विंध्य पर्वत पर तीनों शक्तियां एक साथ बैठकर जगत का कल्याण कर रही हैं, जिससे यहां का महत्व अन्य जगहों से ज्यादा है. यहां महाकाली के रूप में काली खोह, महालक्ष्मी के रूप में विंध्यवासिनी, महासरस्वती के रूप में मां अष्टभुजा विराजमान हैं.

मां के दर्शन को लगती है भीड़
पंडित राजेश कहते हैं कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा के साथ त्रिकोण की परिक्रमा करता है, उसे अनेक फल प्राप्त होते हैं. ऐसी मान्यता है की जो लोग दुर्गा शप्तशती और देवी भगवत कथा का पाठ नहीं कर पाते उनको त्रिकोण की परिक्रमा करने से उसी के सामान फल मिलता है. दूर दराज से लोग मां के इस रूप का दर्शन करने आते हैं.

नंगे पांव त्रिकोण यात्रा
12 किलोमीटर में फैले दुर्गम पहाड़ियों के रास्तों से परिक्रमा करना भक्तों के लिए एक महान अनुभूति है. लोग नंगे पांव त्रिकोण यात्रा करते हैं. ऐसी मान्यता है की कालांतर में सभी देवी देवताओं ने भी त्रिकोण की परिक्रमा की थी. त्रिकोण मार्ग पर पड़े पत्थरों को उठाकर लोग प्रतीक स्वरूप एक घर बनाते हैं. ऐसी मान्यता है जो भी भक्त तीन बार आकार घर का निर्माण करता है, उसकी घर की मनोकामना जरूर पूरी होती है.

सारे सपने पूरी करती है मां
अगर आपने त्रिकोण यात्रा की होगी तो आपने मार्ग पर जगह-जगह पत्थर रखे जरूर देखा होगा. जिसे लोगों ने एक आशियाने की मंशा में प्रतीक स्वरूप घर का निर्माण किया होगा. लोग इस उम्मीद से यह काम करते हैं कि अगर मां चाहेंगी तो उनका सपना भी जरूर पूरा होगा. इसी भरोसे से यह सिलसिला सालों से चलता चला आ रहा है. वैसे भक्तों की सुविधा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां पर रोपवे का निर्माण भी करवाया गया है, जो अष्टभुजा और कालीखोह में स्थित है. लोग अपनी धार्मिक यात्रा के साथ रोपवे का आनंद लेना नहीं भूलते हैं.

 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.