कोलकाता: लोकसभा चुनाव के छठवें चरण के लिए शनिवार को 7 राज्यों की 58 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है जिसमें बंगाल की भी 8 सीटें शामिल हैं। लेकिन वोटिंग से पहले बंगाल के नंदीग्राम में हिंसा भड़क उठी है। बता दें कि नंदीग्राम वही जगह है जिसकी वजह से सूबे की सत्ता की चाबी ममता बनर्जी के हाथों में आई थी। हालांकि पिछले विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम में ममता बनर्जी को हार का स्वाद चखना पड़ा था क्योंकि यहां के प्रभावशाली अधिकारी परिवार ने तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
22 मई को हुई थी बीजेपी की महिला कार्यकर्ता की हत्या
नंदीग्राम में ताजा हिंसा 22 मई को एक बीजेपी की एक महिला कार्यकर्ता के मर्डर के बाद भड़की है। हत्या का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है जिसके बाद से BJP और TMC के कार्यकर्ता आमने सामने हैं। हत्या के विरोध में जगह-जगह आगजनी और तोड़फोड़ की गई, और भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हालिया घटनाक्रमों की वजह से नंदीग्राम में वोटिंग से ठीक पहले काफी तनाव पसर गया है। बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की घटना में 7 कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं।
हिंसा के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहरा रही बीजेपी
बता दें कि पश्चिम बंगाल में जिन 8 लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है उसमें से तमलुक लोकसभा सीट है, और नंदीग्राम विधानसभा सीट भी इसी लोकसभा सीट के तहत ही आती है। यहां से बंगाल बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे शुभेंदु अधिकारी भी सांसद रह चुके हैं और अभी वह नंदीग्राम से ही विधायक भी हैं। इस समय नंदीग्राम में माहौल काफी तनावपूर्ण है और गुस्साए लोग दुकानों तक को आग के हवाले कर रहे हैं। बीजेपी हिंसा के पीछे ममता बनर्जी की पार्टी TMC को जिम्मेदार ठहरा रही है। शुभेंदु अधिकारी का आरोप है कि ममता बनर्जी के भतीजे यानी अभिषेक बनर्जी के इशारे पर ये सब कुछ हुआ है।
पिछले चुनावों में बीजेपी ने जीती थी 8 में से 5 सीटें
हिंसा के बीच जब TMC नेता राजीव बनर्जी जब नंदीग्राम पहुंचे तो वहां उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा। गुस्साए लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की जिसके बाद बनर्जी को वहां से वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों के विरोध के बाद टीएमसी नेता ने बीजेपी पर पलटवार किया और हिंसा के लिए जिम्मेवार ठहराया। बता दें कि बंगाल में शनिवार को जिन 8 सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें तमलुक, कांथी, घाटल, झारग्राम,मेदनीपुर,पुरुलिया, बांकुड़ा और बिष्णुपुर की सीट शामिल है। ये सारी सीटें साउथ बंगाल की है और बीजेपी ने पिछली बार इनमें से 5 सीटें जीती थीं।
कई सीटों पर अधिकारी परिवार का अच्छा-खासा दबदबा
जिन सीटों पर शनिवार को मतदान होना है उनमें तमलुक, कांठी और घाटल सीटें भी हैं जिनपर अधिकारी फैमिली का खासा असर है। कभी TMC के साथ रही अधिकारी फैमिली अब बीजेपी के साथ है और नंदीग्राम के आसपास स्थित सीटों पर अपना असर डाल सकता है। नंदीग्राम की हिंसा का असर तमलुक, कांठी और मेदिनीपुर सीट पर देखने को मिल सकता है। बता दें कि जहां 22 तारीख को बीजेपीा कार्यकर्ता की हत्या हुई, वहीं अगले ही दिन एक टीएमसी कार्यकर्ता पर भी हमला हुआ। ऐसे में शनिवार को हिंसा रहित मतदान कराना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।