नई दिल्ली : अब आधार कार्ड को भी वोटर आईडी से लिंक किया जा रहा है. 1 अगस्त से देश के सभी राज्यों में इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वोटरों की पहचान करने और वोटर लिस्ट में डुप्लीकेसी रोकने के लिए वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जा रहा है. राजधानी दिल्ली में भी सभी 70 विधानसभा सीटों में स्पेशल कैम्प लगाए गए हैं, जहां लोगों के वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जा रहा है. दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी के दफ्तर ने बताया कि राजधानी में 2,684 कैम्प लगाए गए हैं.
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने बताया कि जिन लोगों ने अब तक वोटर आईडी कार्ड नहीं बनवाया है, वो इन कैम्प में आकर आईडी कार्ड भी बनवा सकते हैं और आधार से लिंक भी करवा सकते हैं. वहीं, जिनका वोटर आईडी बना हुआ है, वो यहां आकर फॉर्म 6-B भरकर इसे आधार कार्ड से लिंक करवा सकते हैं.
घर बैठे कैसे लिंक होगा वोटर-आधार?
1. सबसे पहले Voter Helpline App को डाउनलोड करें. ये एंड्रॉयड और iOS, दोनों ही यूजर्स के लिए मौजूद है.
2. इसके बाद Electoral Authentication Form (Form 6B) पर क्लिक करें और उसे खोलें. इसके बाद ‘Lets Start’ पर क्लिक करें.
3. अपना रजिस्टर्ड नंबर डालें. ये नंबर आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है. नंबर डालने के बाद इस पर OTP आएगा.
4. जो OTP आया है, उसे डालें और फिर ‘Verify’ पर क्लिक करें. फिर ‘Yes I Have Voter ID’ पर क्लिक कर ‘Next’ पर क्लिक करें.
5. इसके बाद अपना वोटर आईडी नंबर (EPIC) डालें, अपना राज्य चुनें और ‘Fetch details’ पर क्लिक करें. फिर ‘Proceed’ पर क्लिक कर आगे बढ़ें.
6. फिर अपना आधार नंबर, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, ऑथेंटिकेशन की जगह डालें और ‘Done’ पर क्लिक करें.
7. आखिरी में आपके फॉर्म 6-B का प्रिव्यू पेज खुलेगा. इसमें अपनी सारी डिटेल्स चेक करने के बाद ‘Confirm’ पर क्लिक करें.
पर ऐसा क्यों हो रहा है?
– 2015 में चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना पर काम शुरू किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 2019 में चुनाव आयोग ने चुनाव सुधार के लिए सिफारिश की थी.
– चुनाव सुधार के लिए पिछले साल केंद्र सरकार चुनाव कानून में संशोधन के लिए बिल लेकर आई थी. ये बिल अब कानून बन चुका है. इसके साथ ही वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का रास्ता भी साफ हो चुका है.
– वोटर आईडी को आधार से लिंक करने पर चुनावों में धांधली रोकने में मदद मिलेगी. कई बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें एक ही व्यक्ति कई बार वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा लेता था, जिससे चुनावों में धांधली होती थी. लेकिन, आधार कार्ड एक ही है, इसलिए कोई भी व्यक्ति एक ही बार अपना नाम दर्ज करवा सकता है.
अगर आधार नहीं है तो फिर?
– इस कानून में साफ लिखा है कि वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करना जरूरी है. लेकिन इसमें ये भी साफ किया गया है कि अगर किसी के पास आधार कार्ड नहीं है, तो उसका नाम इलेक्टोरल लिस्ट से हटाया नहीं जा सकता.
– इसका बिल संसद में पेश करते समय भी कानून मंत्री किरन रिजिजू ने साफ किया था कि आधार को लिंक कराना वैकल्पिक होगा. अगर कोई व्यक्ति चाहेगा, तभी उसके वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा.