नई दिल्ली। झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम को छह दिनों की ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है. पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की अर्जी को स्वीकार करते हुए उन्हें छह दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. मनी लांड्रिंग के आरोप में आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई है.
ED ने रिमांड नोट में आरोप लगाया कि साल 2023 में गिरफ्तार तत्कालीन चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र कुमार राम टेंडर आवंटन के बदले कमीशन लिया करते थे, जिसमें से 1.5 कमीशन मंत्री आलमगीर आलम को जाता था. ED ने जांच दौरान पाया कि साल 2022 में एक असिस्टेंट इंजीनियर के जरिए 3 करोड़ रुपए टेंडर आवंटन के बदले भेजे गए थे.
37 करोड़ रुपए हुए थे बरामद
जांच के दौरान 6 से 8 मई तक मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम समेत अन्य के 6 ठिकानों पर ED ने रेड की थी. यहां से साढ़े 37 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे. जांच में यह भी पाया गया कि मंत्री आलमगीर आलम के लिए उसका पीए संजीव लाल पैसों के कलेक्शन का काम करता था.
आलमगीर आलम हैं मुख्य साजिशकर्ता
जांच के दौरान ये भी पाया गया कि आलमगीर आलम टेंडर घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता हैं. उन्हें हर टेंडर पर एक फिक्स अमाउंट दिया जाता था. इस घोटाले में आरोपी से पूछताछ के बाद कुछ ओर सरकारी अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करनी है. इसी वजह से ईडी ने दस दिन की रिमांड की मांग की थी.
हालांकि दोनों तरफ की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने ED को आलमगीर आलम को 6 दिन की रिमांड पर भेजा. बता दें कि भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में झामुमो नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले से ही ईडी की गिरफ्त में हैं.