नई दिल्ली। आप नए फोन खरीदते हैं और डील को सस्ता करने के लिए आप अपने पुराने फोन को एक्सचेंज भी कर देते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि अमेजन, फ्लिपकार्ट या कैशिफाय जैसी ई-कॉमर्स कंपनियां पुराने फोन का आखिर करती क्या हैं? एक्सचेंज में आप कई बार अपने बहुत पुराने फोन को दे देते हैं वहीं कुछ लोग एक साल पुराने फोन को एक्सचेंज करके अच्छी डील का फायदा उठा लेते हैं.
एक्सचेंज ऑफर में कंपनियां उनके मॉडल और कंडिशन के आधार पर उनका वैल्यू तय करती हैं. इसलिए ये पुराने फोन के बदले आपको कभी 500 रुपये, तो कभी 2000 तो कुछ हैंडसेट पर 30,000 रुपये तक की छूट मिल जाती है. लेकिन कंपनियां इन पुराने हैंडसेट्स का करती क्या हैं? आइये आपको बताते हैं.
पुराने फोन का क्या करती हैं कंपनियां ?
दोबारा बेच देती हैं: आपने जो फोन एक्सचेंज में दिया है, अगर वो सही कंडिशन में है तो कंपनियां ऐसे फोन में थोडे बहुत सुधार करके उसे दोबारा रीफर्बिश्ड फोन के नाम से बेच देती हैं. बहुत सी कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए या सेल्स कर्मचारियों के लिए फोन की जरूरत होती है और वो ऐसे रीफर्बिश्ड फोन को बल्क में खरीद लेती हैं. कंपनियां ही नहीं, आम लोग भी कई बार रीफर्बिश्ड फोन खरीद लेते हैं, क्योंकि इनकी कीमत कम रहती है और कुछ महीने आसानी से इनके साथ काटा जा सकता है.
फोन अगर बहुत पुराना है तो क्या होगा? : फोन अगर बहुत पुराना है और उसके चमकाने के बाद भी रीफर्बिश्ड सेगमेंट में नहीं रखा जा सकता है तो कंपनियां उसके कलपुर्जे निकालकर उसी कंपनी के पास वापस भेज देती हैं, जिसने उसे बनाया है. उस पुराने फोन के पार्ट्स को कंपनियां नए हैंडसेट में यूज कर लेती हैं और जो यूज नहीं हो पाता, उसे रीसाइकल कर दिया जाता है. इसमें से कई जरूरी मेटल निकलते हैं, जिसे दोबारा इस्तेमाल किया जाता है.