नई दिल्ली: भारत ने जिस कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) को आतंकवादी संगठन घोषित किया है, उसका इजराइल से कनेक्शन है क्योंकि इसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी. भारत ने इस इस्लामिक संगठन को गैरकानूनी घोषित किया है और कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है.
मोदी सरकार ने आतंकवाद के लिए जीरो टॉलरेंस नीति के तहत हिज्ब-उत-तहरीर को बैन करने का फैसला लिया है. हिज्ब-उत-तहरीर के खिलाफ UAPA लगाया है. हिज्ब के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को आतंकवाद के लिए प्रेरित करने और ISIS में शामिल कराने का आरोप है. गृह मंत्रालय ने हिज्ब से संबंधित सभी संगठनों के सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर प्रतिबंध लगाया गया.
गृह मंत्रालय ने कहा कि हिज्ब-उत-तहरीर इस संगठन का मकसद लोकतांत्रिक सरकारों को कमजोर करना और भारत समेत पूरी दुनिया में इस्लामिक राज्य को स्थापित करना है. कई देशों ने इस कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन को पहले से ही बैन करके रखा है. भारत ने अब इसके खिलाफ कार्रवाई की है. गृह मंत्रालय की लिस्ट में ऐसे 40 से ज्यादा गुट हैं, जिसको भारत ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है.
क्या है हिज्ब-उत-तहरीर?
हिज्ब-उत-तहरीर एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन है. इसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी. इसका मकसद वैश्विक इस्लामिक जिहाद और आतंकवाद फैलाना है. दुनिया भर में लोकतांत्रिक मूल्यों को खत्म करना है. भारत से पहले दुनिया के कई देशों ने इस इस्लामिक संगठन को बैन कर दिया है. इनमें जर्मनी, मिस्त्र, यूनाइटेड किंगडम, समेत कई सेंट्रल एशिया और अरब के देश शामिल हैं. 30 से अधिक देशों में यह संचालित होता है. इन देशों ने भी हिज्ब-उत-तहरीर को इसकी आतंकी गतिविधियों की वजह से बैन किया है. इसका हेडक्वार्टर लेबनान में है.
हिज्ब-उत-तहरीर के सरगना के घर NIA की रेड
दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने हिज्ब-उत-तहरीर के सरगना फैज़ुल रहमान के घर छापेमारी की थी. जांच एजेंसी ने 11 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे. संदिग्ध फैजुल रहमान को मंगलवार को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया था. एनआईए ने बताया है कि संदिग्ध के घर से कई डिवाइस और कागजात जब्त किए गए. फैजुल पर सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को भड़काने का आरोप है.
सोशल मीडिया के जरिए देश विरोधी साजिश रचने का आरोप है. ब्रेन वॉश कर युवाओं को ISIS में शामिल करने का आरोप है. ‘हिज्ब उत तहरीर’ से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है. एनआईए की अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी और कई अन्य समूहों ने तमिलनाडु में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए अभियान चलाए थे.