लखनऊ: ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारा सबसे पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया और फिर यह हर चुनाव में मुद्दा बनता जा रहा है. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी रैलियों में इस नारे का जिक्र करते हैं. वोटर्स को सचेत करते हैं. महाराष्ट्र चुनाव में इस नारे की गूंज है. बीजेपी बार-बार इसे चला रही है. गृहमंत्री अमित शाह से जब ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे का मतलब पूछा गया तो उन्होंने ऐसी बातें कहीं कि राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार सबको जवाब मिल गया होगा.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘जहां तक बांटने की बात है, तो यह कांग्रेस का काम है. वह लोगों को बांटती है. अलग-अलग तरीके से जातियों में बांटती है. समाज को बांटती है. रही काटने की बात, तो पूरे देश की जनता जानती है कि सबसे ज्यादा दंगे महाविकास अघाड़ी और कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं. कांग्रेस के समय सबसे ज्यादा आतंकी हमले हुए. पीएम मोदी महाराष्ट्र की जनता को इसी वजह से आगाह कर रहे हैं.’
विपक्ष बीजेपी पर हमलावर
राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे को लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं. कांग्रेस ने कहा, बांटने और काटने का काम तो बीजेपी करती आई है. ऐसे में उसके मुंह से ऐसा नारा शोभा नहीं देता. उद्धव के करीबी संजय राउत तो यहां तक कह चुके हैं कि बीजेपी इस नारे से महाराष्ट्र में दंगे भड़काना चाहती है. बीजेपी की सहयोगी अजित पवार की एनसीपी भी इस नारे का खुलकर विरोध कर चुकी है. अजित पवार ने कहा, यह शिवाजी की धरती है, यह नारा महाराष्ट्र में नहीं चलेगा.
जातियों में बांटने की कोशिश
पार्टी का वचनपत्र जारी करते हुए अमित शाह ने कहा, कांग्रेस जातियों में बांटकर वोट लेना चाहती है तो शरद पवार झूठे वादे करके सत्ता हथियाने की फिराक में हैं. उनके मंसूबे कभी पूरे नहीं होने वाले. हम धर्मांतरण नहीं होने देंगे. धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून लेकर आएंगे. शाह ने कहा, आज धर्म के आधार पर लामबंधी करके फतवे जारी किए जा रहे हैं. महाविकास अघाड़ी को समर्थन देने के लिए प्रेस कांफ्रेंस किया जा रहा है. यह समाज को बांटना नहीं, तो और क्या है?
निशाने पर राहुल गांधी
राहुल गांधी पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा, राहुल गांधी संविधान की बात करते हैं. जब संविधान की किताब को खोला गया जो राहुल गांधी दिखाते हैं, वो कोरा था. बाबा साहेब आंबेडकर और संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता. उलेमा से आरक्षण का वादा करके किसका आरक्षण लेना चाहते हैंं. मुस्लिम विद्वानों के एक संगठन ने अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की मांग की और कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख नाना पटोले ने इस ज्ञापन को स्वीकार किया. मैं महाराष्ट्र के लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस की इस योजना से सहमत हैं? आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं होना चाहिए? कांग्रेस को इसका जवाब चुनाव में मिल जाएगा