नई दिल्ली। कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडानी समूह से संबंधित एक खबर को लेकर बृहस्पतिवार को लोकसभा में खूब हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही 11 बजे शुरू होते ही लगभग पांच मिनट बाद अपराह्न 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने इस प्रोजेक्ट के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। फिर नारेबाजी के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया और जलशक्ति मंत्रालय से संबंधित कुछ पूरक प्रश्न पूछे गए।
बिरला ने विपक्षी सदस्यों से नारेबाजी बंद करने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘आप प्रश्नकाल के दौरान नियोजित तरीके से गतिरोध करते हैं, यह अच्छी परंपरा नहीं है। आप (कांग्रेस) ने इतने साल शासन किया है….आप सदन में व्यवधान पैदा करना चाहते हैं।’’ बिरला का कहना था, ‘‘मैंने कहा है कि दोपहर 12 बजे विषय को रखने देंगे, लेकिन आप चर्चा नहीं चाहते। आप महत्वपूर्ण विषयों को सदन में नहीं लाना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्नकाल में सरकार की जवाबदेही तय होती है। यह सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। आप अन्य सदस्यों का अधिकार छीनना चाहते हैं।’’ इतना कहने पर भी जब हंगामा नहीं थमा तो बिरला ने सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न करीब 11 बजकर पांच मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
आरोप क्या
बता दें कि विपक्षी सदस्यों ने जिस खबर को लेकर हंगामा किया, उसमें दावा किया गया है कि सरकार ने गुजरात के खावड़ा में अडानी समूह के नवीकरणीय ऊर्जा पार्क के लिए मार्ग प्रशस्त करने के मकसद से पाकिस्तान सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल में ढील दी है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने इस कारोबारी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला है। अडानी समूह की ओर से इस आरोप पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
क्या है खावड़ा प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित करीबी और देश के मशहूर कारोबारी गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी गुजरात के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा संयंत्र का निर्माण कर रही है। कंपनी खावड़ा में 30,000 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी। पाकिस्तान सीमा से सटे बंजर भूमि पर यह प्लांट 538 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। इस प्लांट का इलाका पेरिस के आकार से पांच गुना और लगभग मुंबई शहर जितना बड़ा है। अडानी ग्रीन ने पहली 250 मेगावॉट की पवन ऊर्जा क्षमता का संचालन शुरू भी कर दिया है। इससे अब खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी प्लान्ट की कुल ऊर्जा उत्पादन क्षमता 2,250 मेगावॉट हो गई है।
खावड़ा की चुनौतियां क्या
मार्च से जून तक इस इलाके में धूल भरी आंधी चलती है। यहां संचार का कोई साधन नहीं है। रहने लायक बुनियादी ढांचा यहां से 80 किलोमीटर दूर है। इसलिए समूह ने खावड़ा में 8000 मजदूरों के रहने के लिए आवासीय सुविधाओं का विकास किया है। इस एनर्जी पार्क का बाहरी किनारा पाकिस्तान के साथ लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज एक किलोमीटर दूर है। उस एक किलोमीटर का बफर जोन सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा संचालित है। आरोप है कि भारत सरकार ने अडानी समूह के इस अक्षय ऊर्जा पार्क के लिए रास्ता बनाने के लिए पाकिस्तान सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल में ढील दी है। इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने लोकसभा में हंगामा किया था।