नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के ऑफिस लखनऊ में इन दिनों एक नया गाना बजता रहता है. तेरी अलग है सबसे यहां बात मुलायम, बदले हैं तूने देश के हालात मुलायम. जो रह गए हैं काम अभी शेष करेंगे, रोशन तुम्हारा नाम अखिलेश करेंगे. पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस गाने के पार्टी के सभी कार्यक्रमों में बजाने को कहा है. उनकी तैयारी पिता मुलायम सिंह की यादों के बहाने पार्टी को मजबूत करने की है. देश के रक्षा मंत्री से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह से यूपी के कई लोगों का भावनात्मक रिश्ता रहा है.
रिश्ते की इसी डोर से अखिलेश यादव कामयाबी की पतंग उड़ाना चाहते हैं. लगातार चार चुनावों में मिली हार से समाजवादी पार्टी परेशान है. चुनावी जीत के लिए अखिलेश यादव ने कई तरह के प्रयोग किए. पर नतीजा कुछ खास नहीं रहा. कांग्रेस से मिलकर वे 2017 का विधानसभा चुनाव लड़े पर हार गए. पिछले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपने सबसे कट्टर विरोधी मायावती से गठबंधन कर लिया. इससे बीएसपी के फयदा तो हुआ पर समाजवादी पार्टी को नहीं. फिर एक बार पार्टी विपक्षी एकता वाले इंडिया गठबंधन में है.
अखिलेश पर आरोप लगाता रहा है विपक्ष
पिता मुलायम सिंह यादव से रिश्ते को लेकर विपक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगाता रहा है. बार बार इस मुद्दे को उठाया जाता है कि उन्होंने तो अपने पिता का भी सम्मान नहीं किया. हाल में ही यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा जिसने अपने पिता का सम्मान नहीं किया वे मेरा क्या करेंगे. इसी तरह की बातें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कर चुके हैं. उन्होंने तो विधानसभा में अखिलेश यादव के सामने ही मुलायम सिंह से उनके झगड़े की बात छेड़ दी थी.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी इसी बहाने अखिलेश यादव पर ज़ुबानी हमले का कोई मौका नहीं चूकते हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह के परिवार में घमासान मच गया था. परिवार दो गुटों में बंट गया था. एक तरफ मुलायम सिंह और उनके छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव थे. दूसरे खेमे में अखिलेश यादव और उनके चाचा रामगोपाल यादव हो गए. इस झगड़े के बाद शिवपाल ने नाराज होकर नई पार्टी बना ली. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पूरा परिवार एकजुट हो गया है. शिवपाल यादव की घरवापसी हो चुकी है.
मुलायम सिंंह का स्मारक बनवा रहे अखिलेश
अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की याद में एक स्मारक बनाने का फैसला किया है. ये उनके पैतृक गाँव सैफई में बनेगा. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा नेताजी के विचारों के अनुरूप मेमोरियल बनेगा. हमारी कोशिश होगी कि ये बहुत जल्द बन कर तैयार हो जाए. सैफई में बनने वाले इस स्मारक का शिलान्यास अखिलेश 22 नवंबर को करेंगे. उसी दिन उनकी जयंती मनाई जाती है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को उस दिन सैफई पहुंचने को कहा गया है. सैफई में जिस जगह पर मुलायम सिंह की समाधि है उसी जगह पर उनके नाम पर स्मारक बनाने का फैसला हुआ है.
ऐसी होगी डिजाइन
अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह पर बनने वाले स्मारक के लिए चार पन्नों का एक बुकलेट भी बनवाया है. इसे समाजवादी पार्टी के समर्थकों तक पहुंचाने की तैयारी है. सैफई में 8.3 एकड़ ज़मीन पर मुलायम मेमोरियल बनेगा. जिसमें साढ़े चार एकड़ जमीन में तो एक सुंदर पार्क बनाने की योजना है. इस स्मारक के मेन बिल्डिंग का डिजाइन लोकसभा की तरह होगा. जिसके चारों ओर गैलरी बनाई जाएगी. गैलरी से होते हुए समाधि स्थल तक पहुंचा जा सकता है. मेमोरियल के बीच में स्मृति सभागार होगा, जिसमें मुलायम सिंह यादव की कांसे की मूर्ति लगाई जाएगी.