लखनऊ : केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने का जश्न मना रही है. मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर जश्न के साथ-साथ बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. बीजेपी का फोकस अभी यूपी की उन सीटों पर अधिक है जो सीटें इस समय विपक्षी पार्टियों के पास हैं.
बीजेपी ने यूपी में महासंपर्क अभियान तेज कर दिया है. महासंपर्क अभियान, नौ साल के जश्न और विविध आयोजनों के साथ पार्टी का ध्यान कमजोर कड़ियों की पहचान कर उन्हें दुरुस्त करने पर भी है. पार्टी ने यूपी में जीत के लिए जो रणनीति बनाई है, उसमें माइक्रो मैनेजमेंट पर जोर के साथ ही लोकसभा सीट स्तर पर विस्तारकों की भूमिका का नया प्रयोग किया गया है. बीजेपी विस्तारकों को पांच बिंदुओं पर काम करने के लिए कहा है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने लखनऊ में विस्तारकों के साथ लखनऊ में बैठक की. इस बैठक में विपक्ष के कब्जे वाली 14 सीटों को लेकर विस्तारकों को बूथ लेवल पर संगठन का ढांचा दुरुस्त करने के साथ ही प्रभावी मतदाताओं के साथ संपर्क में पार्टी के लिए सेतु का काम करने का टास्क भी सौंपा गया.
22 हजार बूथ पर विस्तारक 5 बिंदुओं पर करेंगे काम
बीजेपी ने 2024 में यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है. बीजेपी ने इसे लेकर जो रणनीति बनाई है, वो यह कि सबसे पहले उन 14 सीटों पर संगठन को मजबूत करने की कवायद की जाएगी जिन पर विपक्षी दलों का कब्जा है. पार्टी ने इन 14 लोकसभा सीटों के तहत आने वाली 84 विधानसभा सीटों के लिए विस्तारक भी तय कर दिए हैं. लखनऊ में इन विस्तारकों की बैठक भी हो गई है जिसमें इनसे जमीनी स्थिति को लेकर फीडबैक लेने के साथ ही पांच बिंदुओं पर टास्क सौंपा गया है. इनमें सबसे प्रमुख टास्क है 22 हजार बूथ पर फोकस जहां 2019 में बीजेपी की स्थिति काफी कमजोर रही थी और कम वोट मिले थे.
दूसरे दलों के नाराज नेताओं की लिस्ट बनाएंगे विस्तारक
बीजेपी ने विस्तारकों को बूथ लेवल पर पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करने, ऐसे प्रभावशाली लोगों की सूची बनाकर उनसे संपर्क में पार्टी के लिए सेतु का काम करने के लिए कहा है जो मतदाताओं को प्रभावित करने की स्थिति में हों. विस्तारकों से ऐसे लोगों की सूची बनाकर नाम और पता के साथ पार्टी नेतृत्व को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. विस्तारक बूथ लेवल कार्यकर्ताओं के कामकाज पर भी नजर रखेंगे.
विस्तारकों को एक काम और सौंपा गया है. वो है दूसरे दलों के लोगों को बीजेपी से जोड़ने का काम. बीजेपी दूसरे दल के ऐसे नेताओं को चिह्नित कर उनको पार्टी से जोड़ना चाहती है जो किसी कारण से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं या वहां हाशिए पर हैं. ऐसे लोगों से संपर्क का काम भी विस्तारकों को दिया गया है. इसके लिए वह इनकी सूची तैयार करके प्रदेश नेतृत्व को भेजेंगे. इसमें पिछले चुनाव में असरदार भूमिका निभाने वाले दूसरे दल के नेताओं को छांटा जाएगा. फिर पार्टी से हरी झंडी मिलने के बाद उनको बीजेपी में शामिल कराने की कोशिश की जाएगी.
कार्यकर्ताओं की गुटबाजी खत्म करने पर होगा जोर
बीजेपी ने विपक्षी दलों के कब्जे वाली 14 लोकसभा सीटों के 84 विधानसभा क्षेत्र, 22 हजार बूथ पर पार्टी कार्यकर्ताओं की गुटबाजी खत्म कराने का जिम्मा भी विस्तारकों को सौंपा है. विस्तारक अपने स्तर से अलग-अलग गुट में बंटे कार्यकर्ताओं को एकजुट करने, उनकी नाराजगी दूर करने, उन्हें मनाने की कोशिश करेंगे. अगर इन सारी कवायदों के बाद भी गुटबाजी खत्म नहीं होती है तो इसे हवा देने वाले कार्यकर्ताओं की सूची विस्तारक सीधे प्रदेश नेतृत्व को देंगे.
विस्तारकों से ये भी कहा गया है कि वे उन विधानसभा क्षेत्रों में बड़े नेताओं की रैलियों और पार्टी की ओर से आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों को लेकरजमीन तैयार करें जहां पार्टी कमजोर स्थिति में है. यूपी में बीजेपी को 2014 की अपेक्षा 2019 में नौ सीटों का नुकसान उठाना पड़ा था. जिस तरह की रिपोर्ट्स आ रही हैं, बीजेपी को कई राज्यों में सीटों के नुकसान के अनुमान जताए जा रहे हैं.
विस्तारक हर महीने प्रदेश नेतृत्व को देंगे रिपोर्ट
इन सबको देखते हुए बीजेपी ने अब यूपी की सभी सीटें जीतने के लिए अपनी तरफ से तैयारियों में किसी तरह की कोई ढील नहीं चाहती. विस्तारकों से हर महीने सभी बिंदुओं पर पार्टी नेतृत्व को रिपोर्ट देने के लिए भी कहा गया है. गौरतलब है कि 2019 में बीजेपी ने यूपी की 80 में से 64 सीटें जीती थीं. बसपा को 10, सपा को पांच और कांग्रेस को महज एक सीट मिली थी. सपा की दो सीटें आजमगढ़ और रामपुर में भी उपचुनाव में कमल खिल गया.
ताजा तस्वीर ये है कि यूपी की 80 में से 66 सीटों पर बीजेपी के सांसद हैं. प्रदेश की 14 सीटें ऐसी हैं जहां बसपा, सपा और कांग्रेस के सांसद हैं. बीजेपी का पूरा फोकस अब रायबरेली, मैनपुरी, लालगंज समेत इन्हीं 14 सीटों पर है.