नई दिल्ली : Jio ने आधिकारिक तौर पर 5G शुरू करने का ऐलान कर दिया है. इस हफ्ते हुई AGM में मुकेश अंबानी ने साफ कर दिया है कि अक्टूबर तक जियो की 5G सर्विस शुरू हो जाएगी. दिवाली में जियो 5G की सर्विस चुनिंदा शहरों में मिलेगी. 5G पर तो सभी ने गौर किया, लेकिन क्या आपने इस AGM में Standalone शब्द पर ध्यान दिया.
जियो स्टैंडअलोन 5G नेटवर्क लेकर आ रहा है. स्टैंडअलोन 5G को लेकर लोगों के मन में कुछ सवाल हैं. सबसे पहला सवाल तो ये है कि standalone 5G होता क्या है? वहीं दूसरा सवाल है क्या इसके लिए उन्हें नया सिम कार्ड खरीदना होगा? इन सभी सवालों के जवाब हम आपके लिए इस आर्टिकल में लेकर आए हैं.
क्या होता है स्टैंडअलोन नेटवर्क?
Jio 5G के लिए कंपनी Standalone टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी. यानी यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से नए और अलग इंफ्रास्ट्रक्चर पर बेस्ड होगी. ये 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भर नहीं करेगी. 5G standalone टेक्नोलॉजी पर आपको लो लेटेंसी, बेहतर मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन, 5G वॉयस, एज कम्प्यूटिंग, नेटवर्क स्लाइसिंग और मेटावर्स एक्सपीरियंस मिलेगा.
इसके नाम से ही साफ है कि यह टेक्नोलॉजी पूरी तरह से 5G इंफ्रास्ट्रक्चर पर बेस्ड होगी. इसमें मौजूदा 4G नेटवर्क और इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई रोल नहीं होगा. 5G नेटवर्क दो तरह के इंटरफेस SA यानी स्टैंडअलोन और NSA नॉन-स्टैंडअलोन पर काम कर सकते हैं. NSA यानी Non-standalone नेटवर्क को 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही शुरू कर सकते हैं.
तो क्या आपको नया सिम कार्ड खरीदना होगा?
Jio 5G SIM कार्ड पर कंपनी ने कोई जानकारी नहीं दी है. जिस तरह से स्टैंडअलोन टेक्नोलॉजी काम करती है, उम्मीद है कि आपको नए सिम कार्ड की जरूरत पड़ सकती है. अगर आपका सिम कार्ड 4G LTE पर काम करता है, जो यह 5G NSA पर आसानी से काम करेगा.
वहीं 5G SA के मामले में जवाब हां और ना दोनों में है. यानी आपके पुराने सिम कार्ड पर 5G की कोर सर्विस तो मिल जाएगी, लेकिन इसकी कुछ सीमा भी होगी. ऐसे में आपको एक 5G सिम कार्ड लेना पड़ सकता है. इसके लिए आपको नजदीकी कस्टमर सर्विस सेंटर पर जाना होगा.
हालांकि, आपको अभी जाने की जरूरत नहीं है. इस बारे में कंपनी जानकारी देगी. ध्यान रहे कि कुछ लोग इस मौके का फायदा उठाकर आपका डेटा भी चोरी कर सकते हैं. इसलिए किसी फेक कॉल के झांसे में नहीं आएं और कस्टमर सर्विस सेंटर पर खुद ही विजिट करें.