‘तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ( K.Chandrashekar Rao) की बेटी के. कविता (K. Kavita) की राजनीति में एंट्री ‘nepotism quota’ के जरिए हुई. फिर भारत राष्ट्र समिति के शासन में महिला आरक्षण बिल की वो चैंपियन बनी गईं, जबकि 2014-2018 तक भारत राष्ट्र समिति पार्टी में कोई महिला मंत्रिमंडल का हिस्सा नहीं थी. ये सब दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam) से ध्यान हटाने के लिए ही किया गया था.’ बीजेपी सांसद अरविंद धर्मपुरी ने तेलंगाना सरकार और दिल्ली शराब घोटाले के बीच संबंधों का आरोप लगाते हुए कहा, ‘आप क्रोनोलॉजी समझिए’
भाजपा सांसद अरविंद धर्मपुरी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, ‘2014-2018 तक केसीआर सरकार के कैबिनेट में कोई भी महिला शामिल नहीं थी. ऐसा इसलिए किया गया ताकि के. कविता का पार्टी पर पूरी तरह से पकड़ रहे. तब वे निजामाबाद से सांसद थीं. 2019 के आम चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार से हारने के बाद Nepotism quota से वे MLC बन गईं. अब Delhi Liquor Scam में प्रमुख साजिशकर्ता के तौर पर उनका नाम सामने आया. महिला आरक्षण बिल के लिए लड़ने के लिए उनका अचानक प्रचार लोगों का ध्यान दिल्ली शराब घोटाले से हटाने के लिए किया गया था.’
बीजेपी ने लगाए गंभीर आरोप
भारतीय जनता पार्टी के विधायक ने आगे कहा कि तेलंगाना सरकार तेलंगाना आंदोलन को दौरान कभी किसी के सामने नहीं झुका, लेकिन अब दिल्ली शराब घोटाले में कविता का नाम सामने आने के बाद पूरे राष्ट्र के सामने शर्म से उनका सिर झुक गया है.
खबरों के मुताबिक, बीआरएस की गतिविधियों में सीएम केसीआर की बेटी कविता की भागीदारी हाल ही में बढ़ गई है. वह अन्य राज्यों के नेताओं से मिलने के लिए केसीआर के साथ दौरों पर देखी गईं. ये यात्राएं ऐसे समय में हुईं जब उनसे शराब घोटाले में पूछताछ की जा रही थी और ईडी की चार्जशीट में उनका नाम था. द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कविता तेलंगाना के बाहर के नेताओं के साथ कम से कम 5 बैठकों में केसीआर के साथ थीं.
पिछले महीने वे महाराष्ट्र के नांदेड़ में मौजूद थीं, जहां पार्टी के बीआरएस का नाम बदलने के बाद से केसीआर ने अपनी पहली जनसभा तेलंगाना के बाहर की थी. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि केसीआर के बेटे और राज्य के आईटी मंत्री के टी रामाराव ज्यादातर इन बैठकों से दूर रहे हैं, जिसमें नांदेड़ भी शामिल था. कविता तब भी मौजूद थी जब केसीआर ने पिछले साल मार्च में दिल्ली में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत से मुलाकात की थी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से भी मिले थे. वह अपने पिता के साथ मुंबई भी गईं जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मुलाकात की थी.
कई नेताओं से हुई थी कविता की मुलाकात
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनकी बैठकों में भी कविता केसीआर के साथ थीं. इतना ही नहीं जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान इस साल जनवरी में खम्मम में बीआरएस की जनसभा में भाग लेने के लिए तेलंगाना के दौरे पर आए थे तब भी कविता अपने पिता के साथ मौजूद थीं. इससे अलग कवित ने तमिलनाडु के अभिनेता से नेता बने शरथ कुमार से हैदराबाद में उनके आवास पर मुलाकात की थी. दावा किया जाता है कि इस मुलाकात के बाद शरथ ने कथित तौर पर बीआरएस का समर्थन करने में रुचि दिखाई थी.
अब कविता के सामने नई मुसीबत
अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि ED ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी को दिल्ली आबकारी नीति में कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है. कविता के 9 मार्च को एजेंसी के सामने गवाही देने के लिए कहा गया है. जानकार बताते हैं कि कविता को इसलिए बुलाया गया है ताकि उनका आमना-सामना हैदराबाद के व्यवसायी अरुण रामचंद्रन पिल्लई से कराया जा सके, जो ‘साउथ ग्रुप’ का एक कथित फ्रंटमैन है, जिसे सोमवार को ईडी ने गिरफ्तार किया था.