नई दिल्ली। गूगल ने हाल ही में गूगल वॉलेट को भारत में लॉन्च किया है। भारत से पहले यह ग्लोबली उपलब्ध था। अन्य देशों में गूगल वॉलेट की सफलता के बाद ही इसे भारत में लॉन्च किया गया है। गूगल प्ले-स्टोर पर इसके डाउनलोड्स की संख्या 5 लाख से अधिक दिख रही है। गूगल वॉलेट की लॉन्चिंग के बाद से यूजर्स इस दुविधा में हैं कि कहीं यह गूगल पे को बंद करने की शुरुआत को नहीं है। आइए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि गूगल पे और गूगल वॉलेट एक-दूसरे से अलग कैसे हैं?
गूगल पे और गूगल वॉलेट में क्या अंतर है?
गूगल वॉलेट का भारतीय वर्जन ग्लोबल वर्जन से काफी अलग है। भारतीय वर्जन में बैंक कार्ड एड नहीं किए जा सकते हैं और पेमेंट नहीं किया जा सकता है, जबकि ग्लोबल वर्जन से पेमेंट हो सकता है और बैंक कार्ड भी एड किए जा सकते हैं। गूगल वॉलेट को सिर्फ एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया गया है जबकि गूगल पे सभी के लिए उपलब्ध है।
गूगल वॉलेट को इस्तेमाल करने के लिए आपको इसमें अपने गूगल अकाउंट से लॉगिन करना होगा। उसके बाद आपके फ्लाइट बुकिंग का टिकट, मूवी टिकट, वाउचर आदि इसमें दिखने लगेंगे। गूगल वॉलेट की सबसे खास बात यह है कि यह फ्लाइट के बारे में रियल टाइम अपडेट देगा और लेट होने पर रिमाइंडर भी देगा।
गूगल वॉलेट के साथ कई सारे रिवॉर्ड्स प्रोग्राम भी हैं। भारतीय रेलवे के साथ गूगल वॉलेट की साझेदारी नहीं हुई है तो रेलवे का टिकट फिलहाल इसमें स्टोर नहीं होगा। गूगल वॉलेट में बारकोड और क्यूआर कोड को स्कैन करने का फीचर है। BMW कार के मालिक अपनी डिजिटल कार की को इसमें सेव कर सकते हैं।
गूगल पे की बात करें यह पूरी तरह से एक पेमेंट एप है। इससे आप किसी भी तरह की पेमेंट कर सकते हैं। गूगल पे एप से बैंक अकाउंट को लिंक करके यूपीआई पेमेंट हो सकता है लेकिन गूगल वॉलेट में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। गूगल पे में आप क्रेडिट कार्ड भी एड करके पेमेंट कर सकते हैं। तो कुल मिलाकर कहें तो गूगल पे एक डिजिटल पेमेंट एप है और गूगल वॉलेट एक डिजिटल वॉलेट है।