नई दिल्ली : तुलसी में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण भी मौजूद होते हैं जिसका मतलब है कि ये इम्युनिटी को स्ट्रांग करते हैं। इसका सेवन करने से बीमारियों से बचाव होता है।
तुलसी एक ऐसा प्लांट है जो हर घर में मौजूद होता है। भारत में इस पौधे की पूजा सदियों से की जाती है, लेकिन आप जानते हैं कि ये पूजनीय पौधा दवा की तरह भी काम करता है। सदियों से इस पौधे की पत्तियों का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को दूर करने में किया जाता रहा है। तुलसी का सेवन सांस से संबंधित बीमारियों का इलाज करने से लेकर इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाने में भी असरदार है। तुलसी के संपूर्ण फायदे लेने के लिए इसका सेवन अगर उसका पानी बनाकर किया जाए तो सेहत को बेहद फायदे होते हैं।
कंसल्टेंट डायटीशियन और सर्टिफाइड डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा ने बताया कि तुलसी का सेवन उसका पानी बनाकर करने से सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचता है। तुलसी का पानी ताजी तुलसी की पत्तियों या सूखे पाउडर को गर्म पानी में भिगोकर बनाया जाता है।
ये पानी उन लोगों के लिए अमृत है जो नेचुरल तरीके से अपनी बॉडी को हेल्दी रखना चाहते हैं। ये प्राचीन आयुर्वेदिक अमृत शरीर को पोषण देता है, मन को शांत करता है, उम्र में इज़ाफा करता है और इम्युनिटी को भी स्ट्रांग करता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि तुलसी के पानी का सेवन अगर एक महीने तक किया जाए तो बॉडी पर कैसा असर दिखता है।
बीमारियों से होता है बचाव
तुलसी का पानी बीमारियों से बचाव करता है। तुलसी को एडाप्टोजेन (adaptogen) माना जाता है, जिसका अर्थ है कि यह पानी शरीर को तनाव के अनुकूल होने और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण भी मौजूद होते हैं जिसका मतलब है कि ये इम्युनिटी को स्ट्रांग करता हैं। इसका सेवन करने से बीमारियों से बचाव होता है। तुलसी के ये गुण संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकते हैं।
तनाव को करता है दूर
तुलसी के एडाप्टोजेन गुण तनाव को दूर करते हैं। तुलसी के पानी का सेवन रेगुलर किया जाए तो दिमाग शांत रहता है, तनाव से छुटकारा मिलता है। यह क्रॉनिक बीमारियों से बचाव करने में जादुई असर करता है।
पाचन रहता है दुरुस्त
आयुर्वेद के मुताबिक तुलसी में वातहर गुण मौजूद होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह गैस और ब्लोटिंग का इलाज करने में मदद करता है। कई रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि तुलसी का पानी आंत की गतिशीलता में सुधार करता है, पाचन में सहायता करता है और पाचन को दुरुस्त करता है।
श्वसन संबंधी बीमारियों से मिलती है राहत
तुलसी के पत्तों का उपयोग खांसी, सर्दी और अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी परेशानियों का इलाज करने में किया जाता है। तुलसी में कफ को दूर करने वाले गुण मौजूद होते है। इसके सूजनरोधी गुण गले की खराश का इलाज करते हैं।
तुलसी का पानी कैसे बनता है?
तुलसी का पानी एक ऐसा ड्रिंक है जो तुलसी की पत्तियों को मिलाकर बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए एक गिलास या एक जग पानी में कुछ ताजी तुलसी की पत्तियां डालें और इसे 10-15 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें। कुछ देर बाद आप पत्तियों को धीमी आंच पर कुछ देर के लिए उबालें। याद रखें कि पानी को बहुत लम्बे समय तक नहीं उबालना है। कुछ देर पानी उबालने के बाद उसे गुनगुना होने तक रख दें और फिर उसका सेवन करें।