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असम के लिए कार्बी आंगलोंग समझौते के क्या हैं मायने?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
04/09/21
in राष्ट्रीय, समाचार
असम के लिए कार्बी आंगलोंग समझौते के क्या हैं मायने?

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नई दिल्ली l केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में शनिवार को ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौते पर शनिवार को दिल्ली में हस्ताक्षर हुआ. केंद्र सरकार के मुताबिक, आज के कार्बी शांति समझौते से असम पर दूरगामी परिणाम होगा और राज्य में शांति बहाली होगी. समझौते के तहत 1,000 से अधिक कार्बी उग्रवादी हथियार डाल दिए हैं और वे मुख्यधारा में जुड़ गए. गृह मंत्रालय के मुताबिक, कार्बी क्षेत्रों में विशेष विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए केंद्र सरकार और असम सरकार द्वारा 5 सालों में 1,000 करोड़ रुपए का एक विशेष विकास पैकेज दिया जाएगा.

जिन संगठनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा, उन्होंने अपने 300 से ज्यादा ऑटोमेटिक हथियार सरकार को सौंप दिए. सरकार ने बताया कि असम के पहाड़ी इलाकों के 44 विधानसभा में से 34 एसटी सीट पर उनको जगह मिलेगी और कार्बी को एसटी का दर्जा मिल जाएगा. सरकार ने कहा कि अब सिर्फ उल्फा के साथ बातचीत करके उनको भी मुख्यधारा से जोड़ना बाकी है. जब उनसे बातचीत हो जाए तो असम में पूरी तरह से शांति बहाल हो जाएगी.

क्या है कार्बी समझौता?

गृह मंत्रालय के मुताबिक, यह समझौता ज्ञापन असम की क्षेत्रीय और प्रशासनिक अखंडता को प्रभावित किए बिना, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद को और अधिक स्वायत्तता का हस्तांतरण, कार्बी लोगों की पहचान, भाषा, संस्कृति आदि की सुरक्षा और परिषद क्षेत्र में सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करेगा.

इसके तहत कार्बी सशस्त्र समूह हिंसा को त्यागने और देश के कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सहमत हुए हैं. समझौते में सशस्त्र समूहों के कैडरों के पुनर्वास का भी प्रावधान है. असम सरकार कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद क्षेत्र से बाहर रहने वाले कार्बी लोगों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक कार्बी कल्याण परिषद की स्थापना करेगी.

कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के संसाधनों की पूर्ति के लिए राज्य की संचित निधि को बढ़ाया जाएगा. वर्तमान समझौते में कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद को समग्र रूप से और अधिक विधायी, कार्यकारी, प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियां देने का प्रस्ताव है.

समझौता असम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा- शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कार्बी समझौता को उग्रवाद मुक्त समृद्ध पूर्वोत्‍तर के दृष्टिकोण (विज़न) में एक और मील का पत्थर करार दिया. उन्होंने कहा कि असम की शांत और समृद्धि के लिए आज ये कार्बी आंगलोंग समझौता हुआ है, ये दिन असम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. कार्बी क्षेत्रों के विकास के लिए विशिष्ट परियोजनाओं को शुरू करने के लिए मोदी सरकार करीब 1000 करोड़ रुपए का विशेष विकास पैकेज देगी.

शाह ने कहा कि मोदी सरकार की नीति है कि जो हथियार छोड़कर आता है, उसके साथ और अधिक विनम्रता से बात करके और जो वो मांगते हैं, उससे अधिक देकर उन्हें विकास की मुख्यधारा में समाहित करते हैं. उन्होंने कहा कि इसी नीति के परिणामस्वरूप जो पुरानी समस्याएं मोदी सरकार को विरासत में मिली थी, उन्हें हम एक-एक करके खत्म करते जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तब से पूर्वोत्तर प्रधानमंत्री जी का ना सिर्फ फोकस क्षेत्र रहा है, बल्कि नॉर्थ ईस्ट का सर्वांगीण विकास और वहां शांति और समृद्धि सर्वोच्च प्राथमिकता रही है.”


खबर इनपुट एजेंसी से

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