नई दिल्ली : एनडीए संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। अगली एनडीए सरकार बनाने का दावा पेश करने के तुरंत बाद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई सरकार को लेकर अपनी बात रखी। मोदी ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह 9 जून की शाम को होगा। राष्ट्रपति भवन के सामने बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति ने मुझे अभी फोन किया और मुझे पीएम के रूप में काम करने के लिए कहा और उन्होंने मुझे शपथ समारोह के बारे में सूचित किया है।
हर क्षेत्र में दिखेगा बदलाव
मोदी ने कहा कि मैंने राष्ट्रपति जी से कहा है कि 9 जून की शाम को हम सहज हो जाएंगे। अब राष्ट्रपति भवन बाकी विवरण तैयार करेगा और तब तक हम मंत्रिपरिषद की सूची राष्ट्रपति जी को सौंप देंगे। उसके बाद शपथ ग्रहण समारोह होगा। मोदी ने यह उल्लेख करते हुए कि आजादी के अमृत महोत्सव के बाद यह पहला चुनाव था। पीएम मोदी ने कहा कि तीसरी बार, एनडीए सरकार को लोगों ने देश की सेवा करने का मौका दिया है … मैं देश के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि पिछले दो कार्यकालों में जिस गति से देश आगे बढ़ा है, हर क्षेत्र में बदलाव दिखाई दे रहा है और 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर निकलना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैंने चुनाव के समय पहली बार देखा है, शायद हर तीसरे दिन चुनाव आयोग के काम में रुकावट आए। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाए गए। इस काम में एक ही टोली थी। सुप्रीम कोर्ट का उपयोग करते हुए कैसे रुकावट डाले, इसका निरंतर प्रयास करते रहे। चुनाव आयोग की ताकत का एक बड़ा हिस्सा अदालतों में वो चुनाव के पीक आवर्स में यानी कितनी निराशा लेकर के यह लोग मैदान में आए थे कि उन्होंने पूरा हमला उस इंस्टीट्यूट पर लगा दो, ताकि चुनाव का कोई भी परिणाम आए ताकि हम भारत को भी दुनिया के सामने बदनाम कर लें। इस षड्यंत्र का हिस्सा था। लेकिन, देश इन लोगों को कभी भी माफ नहीं करेगा।
उन्होंने आगे जिक्र किया कि मैं दुनिया में ढोल पीट रहा हूं कि हम मदर ऑफ डेमोक्रेसी हैं और ये दुनिया में जाकर बता रहे हैं कि डेमोक्रेसी नहीं है, मोदी आकर बैठ गए हैं, एक चाय वाला यहां पर कैसे पहुंच गया। कुछ तो गड़बड़ की होगी। इनका चुनाव प्रक्रिया के प्रति भारत के लोगों पर अविश्वास पैदा करने का षड्यंत्र है। मैं मानता हूं कि अब दुनिया भी भारत के लोकतंत्र की विविधता, विशालता, व्यापकता और गहनता सबको जानने और समझने के लिए आकर्षित होगी। ऐसे में इस बार के चुनाव के नतीजे देख रहा हूं। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद दो दिनों तक कुछ लोगों ने ऐसा माहौल बनाया कि हम लोग हार गए। लेकिन, देशवासी जानते हैं कि हम ना तो हारे थे, ना ही हारे हैं। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि विजय से उन्माद पैदा नहीं होता और हम पराजय का उपहास भी नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन वाले ईवीएम का विरोध करते हैं, मैं इसे सिर्फ चुनाव के रूप में नहीं देखता हूं। मैं मानता हूं ये लोग मन से पिछली शताब्दी की सोच वाले लोग हैं। वह टेक्नोलॉजी को महत्व नहीं देते हैं और न इसे स्वीकार करने के लिए तैयार हैं। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ ईवीएम में ही नहीं दिखाई दिया है, यूपीआई में दिखा। हमने कहा कि हिंदुस्तान के लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन करेंगे। फिनटेक की दुनिया में आज हिंदुस्तान का नाम हो गया। ये मानने को तैयार नहीं हैं। आधार आज देश की एक पहचान बना है। कई देश कहते हैं कि हमें भी आधार की पद्धति से आगे बढ़ना है, आप कैसे मदद कर सकते हैं। उस आधार को लेकर बार-बार सुप्रीम कोर्ट में जाकर परेशानी पैदा की। विपक्षी गठबंधन के लोग प्रगति, आधुनिकता, टेकनोलॉजी के विरोधी हैं।