नई दिल्ली: TRAI की तरफ से स्पैम और फ्रॉड कॉल्स को रोकने के लिए लगातार नए कदम उठाए जा रहे हैं। इसको लेकर ट्राई की तरफ से टेलीकॉम कंपनियों को भी कहा गया था। हालांकि अभी ऐसी कॉल्स को रोकने पर लगातार काम चल रहा है। इस बीच टेलीकॉम रेगुलेटर ने IT मिनिस्ट्री को भी जोर दे दिया है। दरअसल ट्राई का कहना है कि अभी ऐसे बहुत सारे फ्रॉड हो रहे हैं जो व्हाट्सऐप और टेलीग्राम की मदद से हो रहे हैं। ये सभी OTT ऐप्स के दायरे में आते हैं और इन्हें रोकने के लिए IT मिनिस्ट्री को तुरंत कदम उठाना चाहिए।
TRAI ने क्यों नहीं लिया फैसला?
OTT ऐप्स की बात करें तो ये सभी अभी IT मिनिस्ट्री के अंडर आते हैं। इस पर TRAI की तरफ से कोई फैसला नहीं लिया जा सकता है। क्योंकि ये ऐप्स ट्राई के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। ट्राई की तरफ से भेजे गए पत्र में सभी चीजों की जानकारी दी गई है। साथ ही बताया गया है कि आखिर ऐसी कॉल्स की पहचान कैसे की जा सकती है। रेगुलेटर्स की जॉइंट कमेटी ने भी इस बात को रखा है। ट्राई के अधिकारियों ने ऐसी कॉल्स को रोकने के लिए तुरंत एक्शन लेने के लिए भी कहा है। इसमें कम्युनिकेशन ऐप्स का नाम शामिल है।
अधिकारियों का कहना है कि TRAI चाहती है कि इसको लेकर जॉइंट एफर्ट लगाने चाहिए। क्योंकि ट्राई की तरफ से निर्देश देने के बाद टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने ऐसी कॉल्स को रोकने के लिए DLT प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। मैसेज तो ट्राई के अंडर आ सकते हैं, लेकिन OTT ऐप्स पर ट्राई का कोई अधिकार नहीं है। कुछ समय पहले टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भी ऐसी कॉल्स और मैसेज को रोकने के लिए कहा था। इसके बाद टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने 1 अक्टूबर तक का समय मांगा था। इसे ट्राई की तरफ से दे दिया गया था।