Thursday, June 12, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home मुख्य खबर

कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की कब ऐसी चर्चा हुई थी?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
03/10/22
in मुख्य खबर, राष्ट्रीय
कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की कब ऐसी चर्चा हुई थी?

google image

Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

हरिशंकर व्यास


ध्यान नहीं आ रहा है कि आखिरी बार कब किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की ऐसी चर्चा हुई थी, जैसी अभी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की हो रही है। भारत में आमतौर पर पार्टियों में अध्यक्ष के चुनाव नहीं होते हैं। आंतरिक लोकतंत्र के नाम पर पार्टियों में कुछ नहीं होता है। हर पार्टी का आलाकमान होता है, जिसके हिसाब से सारे फैसले होते हैं। आमतौर पर आलाकमान ही अध्यक्ष होता है या उसकी पसंद का कोई व्यक्ति निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया जाता है। कई पार्टियां तो चुनाव का झंझट ही खत्म करके अपने आलाकमान को स्थायी अध्यक्ष बनाने की दिशा में बढ़ गई हैं।

तभी चुनाव आयोग ने वाईएसआर कांग्रेस को चिट्ठी लिख कर जगन मोहन रेड्डी को स्थायी अध्यक्ष बनाए जाने के प्रयासों के लिए फटकार लगाई। उससे जवाब मांगा है। अभी जब कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावों की चर्चा चल रही थी इसी बीच दो दिन में चुपचाप दो बड़ी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए। चार दिन पहले पटना में राष्ट्रीय जनता दल की बैठक हुई और लालू प्रसाद 12वीं बार पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। इसके एक दिन बाद लखनऊ में समाजवादी पार्टी की बैठक हुई और अखिलेश यादव तीसरी बार अध्यक्ष चुन लिए गए। यह भी चर्चा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक और कार्यकाल मिल जाएगा।

कांग्रेस में भी अब तक ऐसा ही चलता आ रहा था। पिछले 20 साल से कांग्रेस में भी चुनाव नहीं हुआ। आखिरी बार सन 2000 में सोनिया गांधी को जितेंद्र प्रसाद ने चुनौती दी थी लेकिन बुरी तरह से हारे थे। उसके बाद सोनिया अध्यक्ष चुनी जाती रहीं। अध्यक्ष का कार्यकाल भी बढ़ा कर पांच साल कर दिया गया था ताकि बार बार चुनाव का झंझट नहीं रहे। सोनिया गांधी 1998 से 2017 तक अध्यक्ष रहीं। उसके बाद राहुल गांधी अध्यक्ष चुने गए। वह भी औपचारिकता थी। वे निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिए गए। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया तो फिर सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनीं और अंतरिम अध्यक्ष वाला सिस्टम तीन साल से चल रहा है। लेकिन इस बार सब कुछ बदला हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव इस समय की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना है। इस चुनाव के बहाने कितने राज्यों के समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं।

यह पहली बार है, जब किसी पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर इतनी चर्चा है, इतना मीडिया अटेंशन हैं और इतनी दिलचस्पी है। ऐसा इसलिए भी है कि एक पूरी पीढ़ी ने जन्म लेने से लेकर जवान होने तक सोनिया और राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर देखा-जाना है। पिछले 24 साल में पहली बार कोई गैर गांधी कांग्रेस का अध्यक्ष बनने जा रहा है। इसलिए लोगों को यह जानने में दिलचस्पी है कौन अध्यक्ष होगा, वह कैसे काम करेगा, परिवार के असर में रहेगा या स्वतंत्र रूप से काम करेगा, उससे पार्टी का क्या भला होगा, कहां क्या समीकरण बदलेगा आदि आदि।

दिलचस्पी का एक कारण यह भी है कि क्या अब कांग्रेस के ऊपर लगने वाला वंशवाद का आरोप खत्म हो जाएगा? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के तमाम नेता कहते रहे हैं कि कांग्रेस में अध्यक्ष का पद एक परिवार के लिए आरक्षित है। लेकिन अब जबकि उस परिवार का कोई व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बन रहा है तो वंशवाद के आरोपों का क्या होगा? क्या कांग्रेस के ऊपर वंशवाद के आरोप लगने बंद हो जाएंगे? हालांकि इसकी संभावना कम है क्योंकि भाजपा ने पहले ही कहना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस का जो भी अध्यक्ष बनेगा वह गांधी परिवार की कठपुतली होगा। असली ताकत सोनिया और राहुल गांधी के पास ही रहेगी। नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद यह भी देखने वाली चीज होगी कि असली ताकत का इस्तेमाल कौन और कैसे करता है।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.