नई दिल्ली: नवरात्रि के 9 दिन व्रत रखने के बाद लोग कन्याओं को भोज कराने के बाद कन्या पूजन करके नवरात्रि का समापन करते हैं। कुछ लोग कन्या पूजन अष्टमी को करते हैं तो कुछ लोग कन्या पूजन नवमी तिथि को करते हैं। इस बार नवरात्रि में एक दिन कम हो जाने की वजह से कन्या पूजन की सही तिथि को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन बना हुआ है। आइए आपको बताते हैं कन्या पूजन कब करना उचित होगा और साथ ही जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।
नवरात्रि में कन्या पूजन का खास महत्व माना जाता है। जो लोग 9 दिन का व्रत करते हैं उनके लिए कन्या पूजन करना शास्त्रों में अनिवार्य माना गया है। व्रत करने के बाद कन्या पूजन करके ही आपको संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है और मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करने का विधान शास्त्रों में बताया गया है। कन्याओं को मां भवानी का रूप माना जाता है।
कन्या पूजन करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है और पुण्य प्रताप से आपके सभी रुके कार्य पूर्ण होते हैं। चैत्र नवरात्रि में इस बार अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर कुछ उलझन है। नवरात्रि इस बार सिर्फ 8 दिन की है, इसलिए कन्या पूजन को लेकर लोगों के मन प्रश्न है कि कन्या पूजन कब और कैसे करना चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि पंचांग के अनुसार इस बार कन्या पूजन कब करना चाहिए।
कन्या पूजन कब करें
वैदिक पंचांग के अनुसार, नवरात्रि की अष्टमी तिथि 4 अप्रैल को रात 8 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी और 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर खत्म होगी। इसके बाद महानवमी तिथि शुरू हो जाएगी और यह 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगी, इसलिए, अष्टमी तिथि का कन्या पूजन 5 अप्रैल को और महानवमी तिथि को 6 अप्रैल को होगा। इस हिसाब से आप भी अपने घर की परंपरा के अनुसार आप कन्या पूजन कर सकते हैं।
कन्या पूजन का महत्व नवरात्रि में कुमारी पूजन बहुत खास होता है। इसमें 2 से 10 साल की लड़कियों की पूजा करते हैं। उन्हें मां दुर्गा का रूप मानते हैं। देवी भगवत पुराण के अनुसार, जन्म के एक साल बाद कन्या को कुंवारी कहते हैं। उनकी उम्र के हिसाब से उन्हें अलग-अलग देवी का रूप माना जाता है। देवी भगवत पुराण में इसके बारे में बताया गया है।
पुराण के अनुसार, जन्म के एक वर्ष बाद कन्या को कुंवारी कहा जाता है। उनकी उम्र के अनुसार, उन्हें अलग-अलग देवी के रूप में पूजा जाता है। नवरात्रि में कन्या पूजन कर उन्हें सम्मान देने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है। कन्याओं का सम्मान करने से देवी दुर्गा खुश होती हैं और परिवार में खुशहाली आती है।