नई दिल्ली: जन्माष्टमी पर्व को लेकर पूरे भारतवर्ष में धूम रहती है. यह हिंदू धर्म (Hindu Dharm) का खास और पावन पर्व होता है, जिसे हर साल भाद्रपद महीने ( Bhadrapada Month 2024) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है.
मान्यता है कि द्वापर युग में इसी तिथि पर रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण (Shri Krishna) का जन्म मधुरा नगरी कंस के कारागृह में हुआ था. कृष्ण देवकी की आठवीं संतान थे. इसलिए हर साल कृष्ण जन्मोत्सव (Shri Krishna Janmotsav) के रूप में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है.
इस दिन मंदिर और घरों में भजन-कीर्तन होते हैं, झांकियां सजाई जाती है, व्रत-पूजन किए जाते हैं, श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप (Laddu Gopal) का श्रृंगार होता है और कई जगहों पर दही-हांडी (Dahi Handi 2024) का भी आयोजन किया जाता है. आइये जानते हैं इस साल 2024 में कब मनाया जाएगा जन्माष्टमी का त्योहार.
कृष्ण जन्माष्टमी कब है ?
इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. क्योंकि पंचांग (Panchang) के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत सोमवार, 26 अगस्त तड़के 03 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी, जिसका समापन 27 अगस्त रात 02 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत-पूजन किया जाएगा.
बता दें कि जन्माष्टमी दो दिन भी मनाई जाती है. दरअसल स्मार्त और वैष्णव संप्रदाय (Vaishnavism) में अलग-अलग तिथि होने के कारण जन्माष्टमी अलग-अलग मनाते हैं. जन्माष्टमी की पहली तिथि पर स्मार्त संप्रदाय और दूसरी तिथि पर वैष्णव संप्रदाय वाले पूजा करते हैं.
जन्माष्टमी पर इस साल जयंती योग
इस साल जन्माष्टमी के दिन यानी 26 अगस्त 2024 को शुभ योग के साथ ही जयंती योग का भी निर्माण हो रहा है. ज्योतिष के अनुसार, द्वापर युग में जैसा योग श्रीकृष्ण के जन्म के समय बना था, वैसा ही योग इस साल जन्माष्टमी पर भी बन रहा है. ज्योतिष में इसे जयंती योग (Janmashtami Jayanti Yoga) कहा गया है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में श्रीकृष्ण के जन्म के समय भाद्रपद अष्टमी रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. चंद्रमा वृषभ राशि में थे. इस साल भी जन्माष्टमी पर चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे. वहीं रोहिणी नक्षत्र 26 अगस्त दोपहर 3 बजकर 55 मिनट से अगले दिन दोपहर 3 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.
साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga) भी रहेगा. जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा के लिए 26 अगस्त देर रात 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक का समय शुभ है. ऐसे में जन्माष्टमी पूजन (Janmashtami Puja) के लिए केवल 45 मिनट का ही समय रहेगा.