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Home कला संस्कृति

कब मनाई जाएगी लोहड़ी, पर्व पर क्यों सुनी जाती है दुल्ला-भट्टी की कहानी

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
02/01/22
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
कब मनाई जाएगी लोहड़ी, पर्व पर क्यों सुनी जाती है दुल्ला-भट्टी की कहानी

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जनवरी 2022 में कई प्रमुख त्योहार पड़ने वाले हैं. जिसमें से एक लोहड़ी (Lohri 2022) भी है. लोहड़ी का पर्व पौष कृष्ण एकादशी को पड़ता है. लेकिन तारीख के हिसाब से लोहड़ी 13 जनवरी को पड़ने वाली है. लोहड़ी पर्व को मुख्य रूप से किसानों द्वारा मनाया जाता है. इसके अलावा इस दिन को किसानों के नए साल रूप में भी मनाया जाता है. लोहड़ी पर अलाव जलाकर उसमें गेहूं की बालियां दी जाती हैं. साथ ही इस पर्व पर पंजाबी समुदाय के लोग भांगड़ा कर इस पर्व को मनाते हैं.

लहड़ी 2022 का महत्व
पंजाबी परंपरा के मुताबिक लोहड़ी फसल की कटाई और बुआई से जुड़ा हुआ पर्व है. लोहड़ी के अवसर पर लोग जलाकर इसके आसपास नाचते और गाते हैं. आग में गुड़, तिल, रेवड़ी, गजक आदि डाले जाते हैं. तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मिठाई आदि बांटे जाते हैं. इस पर्व को पंजाब में फसल कटने के बाद मनाया जाता है.

दुल्ला भट्टी की कहानी
लोहड़ी पर्व में दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने की परंपरा बहुत पुरानी है. इस दिन आग के चारो ओर लोग घेरकर बैठते हैं फिर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है. दरअसर इस कहानी को सुनने का विशेष महत्व है. माना जाता है कि मुगल शासन के दौरान अकबर के समय दुल्ला भट्टी नाम का एक व्यक्ति पंजाब में रहता था. उस जमाने में अमीर व्यापारी सामान से साथ-साथ शहर की लड़कियों को बेचा करते थे. उस समय दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई. मान्यता है कि उसी समय से हर साल लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाई जाती है.


खबर इनपुट एजेंसी से

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