- महिला, बाल आयोग व प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्षों से सीधा सवाल
- क्या केवल डेमोग्राफी परिवर्तन व सांप्रदायिक मामलों के लिए बने है ये तीनों संगठन?
- कांग्रेस महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर अपना विरोध जारी रखेगीः धस्माना
देहरादून। प्रदेश में महिलाओं व बच्चियों के खिलाफ हिंसा बलात्कार व हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और आज महिला अपराध में उत्तराखंड पूरे देश के हिमालई राज्यों में पहले पायदान पर आ गया है, मगर इस ज्वलंत विषय पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी की महिला शाखा भारतीय जनता महिला मोर्चा, राज्य का महिला आयोग और राज्य बाल आयोग खामोश बैठे हैं।
यह आरोप लगाते हुए बुधवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि इन तीनों संगठनों के अध्यक्षों से कांग्रेस का सीधा सवाल है कि क्या हरिद्वार भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष अनामिका शर्मा की नाबालिग मासूम 13 वर्षीय बेटी के साथ उसी की मां की और से करवाए गए दुराचार मामले का इन संगठनों ने संज्ञान लिया है और अगर लिया है तो क्या ये उस पीड़ित बच्ची से मिलने हरिद्वार गई हैं और क्या इस मामले में इन के द्वारा कोई कार्यवाही की गई है ?
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में धस्माना ने भाजपा महिला मोर्चा, राज्य महिला आयोग व राज्य बाल आयोग पर तीखा हमला करते हुए कहा कि छोटे छोटे मामलों में स्कूलों में पहुंच कर हंगामा करने वाली व हिन्दू-मुस्लिम विवादों में बढ़ चढ़ कर भागीदारी निभाने वाली इन तीनों संगठनों की महिला अध्यक्ष राज्य को झकझोर देने वाली घटना अंकिता भंडारी के मामले में चुप्पी साधे रही और अब इतना बड़ा महापाप जो उनकी पार्टी की महिला शाखा की जिला अध्यक्ष रही नेत्री ने अपनी ही सगी मासूम नाबालिग बेटी के साथ किया, उस पर भी ये तीनों संगठन कार्यवाही तो दूर की कौड़ी एक शब्द भी आज मामले का खुलासा होने और आरोपियों की गिरफ्तारी होने के एक सप्ताह बाद भी नहीं बोले।