नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था 10वें स्थान से उठकर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। पीएम मोदी सावधि जमा और डाकघर योजनाओं जैसे पारंपरिक निवेश साधनों में विश्वास करते हैं। इसका खुलासा उनके नए चुनावी हलफनामे से हुआ जो उन्होंने मंगलवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी से 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दाखिल किया है। पीएम मोदी के 2024 के चुनावी हलफनामे से पता चलता है कि उनके पास 3.02 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 52,920 रुपये नकद हैं। उनके पास न तो जमीन है, न घर और न ही कार।
सावधि जमा और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र में निवेश
पीएम मोदी के 2024 के चुनावी हलफनामे से पता चलता है कि पीएम मोदी की टैक्स योग्य आय 2018-19 में 11 लाख रुपये से दोगुनी होकर 2022-23 में 23.5 लाख रुपये हो गई है। जब बचत और निवेश की बात आती है, तो पीएम मोदी सावधि जमा और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर भरोसा करते हैं।
कुल कितना निवेश
उनके पास भारतीय स्टेट बैंक में 2.85 करोड़ रुपये की सावधि जमा रसीदें (FDR)हैं। पीएम मोदी ने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में 9.12 लाख रुपये का निवेश किया है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) एक सरकारी निश्चित आय निवेश योजना है जो डाकघरों के माध्यम से उपलब्ध है। क्लियरटैक्स के अनुसार, इसमें 7.7% वार्षिक ब्याज दर, धारा 80सी के तहत कर लाभ और कम जोखिम वाली सुविधा होती है। एनएससी में पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है और शुरुआती निवेश 1,000 रुपये हो सकता है। एफडी और एनएससी में पीएम मोदी का कुल निवेश लगभग 3 करोड़ रुपये है।
पीएम मोदी की भारत में निवेश की अपील
बता दें कि प्रधानमंत्री बहुराष्ट्रीय कंपनियों से भारत में निवेश की मांग करते रहे हैं। पिछले साल जून में अमेरिका में उन्होंने देश में हो रहे बदलावों पर प्रकाश डालते हुए अमेरिकी कॉरपोरेट्स से कहा था कि अब भारत में निवेश करने का समय है। उनके 2019 के चुनावी हलफनामे में 7.61 लाख रुपये के एनएससी और 1.28 करोड़ रुपये की सावधि जमा का भी जिक्र किया गया था। पीएम मोदी के 2019 के चुनावी हलफनामे में टैक्स-सेविंग एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर बॉन्ड में 20,000 रुपये के निवेश का जिक्र था, लेकिन 2024 के हलफनामे में किसी भी बॉन्ड में निवेश का कोई जिक्र नहीं है।