बालाघाट । मध्य प्रदेश अपने धार्मिक और प्राचीन मंदिरों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है. यहां जितने भी धार्मिक स्थल मौजूद हैं इनमें से कुछ जगहों के साथ रहस्यमयी कहानियां भी जुड़ी हुई है. ऐसी कहानियां जिन्हें सुन आप कहेंगे आस्था है या चमत्कार! एसी ही रहस्यमयी कहानियों में से एक है एमपी के बालाघाट में. एक मंदिर जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है. इन रहस्यों से भरे सवालों के जबाव देने में विज्ञान भी आज तक असमर्थ रहा.
बालाघाट प्राचीन मंदिर
बालाघाट के जाम गांव में एक ऐसा प्राचीन मंदिर स्थित है जो अपने रहस्यों की वजह से काफी प्रसिद्ध है. बताया जाता है कि इन रहस्यों के जवाब देने में विज्ञान भी फेल है.
जामेश्वर महादेव मंदिर
हम जिस मंदिर की बात कर रहे उसका नाम जामेश्वर महादेव मंदिर है. बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण दसवीं शताब्दी में किया गया था. मंदिर की खास बात जो सभी को हैरान करती है वो ये है कि मंदिर की पत्थर की छत पर एक हरा-भरा विशाल पेड़ खड़ा है. कहते है कि ये पेड़ मंदिर निर्माण के समय से ही यहां खड़ा है.
मंदिर की छत पर पेड़
गौर करने वाली बात तो ये है कि मंदिर की छत पर खड़े इस पेड़ की जड़ों का किसी को अता-पता नहीं है. इसकी जड़े दिखाई तक नहीं देती हैं फिर भी कई सालों से इस पेड़ को मंदिर की छत पर देखा जा सकता है. इस पेड़ पर आंधी-तूफान का भी कोई असर नहीं होता है.
अनसुलझे राज
ऐसा नहीं है कि किसी ने पेड़ के छिपे राज के बारे में पता नहीं लगाया है. स्थानीय लोकल वेबसाइट का कहना है कि पुरातत्व शोध संस्थान (Archaeological Research Institue) की टीम भी इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन इसकी जड़ों के बारे में कोई सही जानकारी नहीं पता चली है.
शिवलिंग आकृति
प्रदेश के स्थानीय लोकल वेबसाइट के अनुसार पुरातत्व शोध संस्थान की टीम ने अपनी खोज में बताया कि “इस पेड़ के फलों के पकने पर इसमें से शिवलिंग के समान आकृति निकलती है. इसका स्वाद कच्चे आम की तरह होता है. ”
मंदिर परिसर
दसवीं शताब्दी में निर्माण हुई इस मंदिर की बात करें तो यहां गणेश, हनुमान जी के अलावा और भी कई मूर्तियां स्थापित है. मंदिर के दर्शन करने के लिए मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. गांव के लोग बताते हैं कि मंदिर के पास एक मेला लगता है जिससे मंदिर की रौनक और बढ़ जाती है.
मंदिर करता है रक्षा
गांव के लोगों का इस मंदिर के साथ एक अनोखी आस्था जुड़ी हुई है. लोग बताते है कि ये मंदिर उन्हें हर तरह की आपदा और विपत्ति से बचाता है. चाहे वो कोरोना महामारी रही हो या फिर जमुनिया बांध के टूटने से मची त्रासदी.
पेड़ का मेडिसिनल गुण
साइंटिस्टों का मानना है कि ये पेड़ ‘सीरिस’ परिवार से हो सकता है और इसका नाम अलविजिया है. इन पेड़ों की खासियत होती है कि ये सास से जुड़ी बीमारियों के अलावा स्किन और पेट से जुड़ी समस्या ठीक करने में लाभकारी होते हैं.