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Home कला संस्कृति

किस माला से करना चाहिए किस देवता का जप, जिससे शीघ्र होगी साधक की कामना पूरी

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
26/07/21
in कला संस्कृति, धर्म दर्शन
किस माला से करना चाहिए किस देवता का जप, जिससे शीघ्र होगी साधक की कामना पूरी

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आचार्य नरेश बहुखंडी


ईश्वर की साधना के लिए तमाम तरह के नियमों में माला जप की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है. सनातन परंपरा में अमूमन 108 मनकों की माला का प्रचलन रहा है. गौरतलब है कि हिंदू धर्म में 108 को शुभ अंक माना गया है. विभिन्न प्रकार के पेड़ों और रत्नों से जुड़ी माला का संबंध ग्रह एवं देवता विशेष से होता है. देवता विशेष का आशीर्वाद या​ फिर कहें साधना की सिद्धि के लिए अक्सर इस माला को आप लोगों के हाथ में जपते हुए पाएंगे.

हिंदू देवी–देवताओं की पूजा के लिए अलग–अलग माला से जप का प्रावधान है. जिनसे जप करने पर साधक की कामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. जैसे गणपति की साधना के लिए हांथी दांत, लाल चंदन या रुद्राक्ष की माला से जप करने का विधान है तो वहीं भगवान शिव के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग किया जाता है. कुछ ऐसे ही माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए कमलगट्टे और देवी दुर्गा, माता लक्ष्मी आदि का विशेष आशीर्वाद पाने के लिए लाल चंदन की माला से जप करने का विधान है. वहीं भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु के लिए सफेद चंदन या तुलसी की माला से जप किया जाता है. आइए इन मालाओं की विशेषता के बारे में विस्तार से जानते हैं –

रुद्राक्ष की माला – भगवान शिव के मंत्र का जप करने के लिए यह माला रुद्राक्ष के फल से निकलने वाले बीज से बनाई जाती है, जिसे भगवान शिव के नेत्र से निकला हुआ आंसू माना जाता है.

मोती की माला – यह माला समुद्र से निकले मोती से बनाई जाती है. इस माला के जप या धारण करने पर चंद्रदेव की कृपा मिलती है.

तुलसी की माला – तुलसी के पौधे से बनी यह माला भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी के जप के लिए प्रयोग में लाई जाती है. यह माला अत्यंत ही पवित्र होती है. भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए सफेद चंदन की माला का प्रयोग भी किया जाता है.

लाल चंदन की माला – लाल चंदन से बनी माला का प्रयोग भगवती की साधना के लिए किया जाता है.

हल्दी की माला – खड़ी हल्दी से बनी यह माला देवगुरु बृहस्पति या बगलामुखी साधना के लिए सबसे उत्तम मानी गई है.

स्फटिक की माला – स्फटिक से बनी यह माला शुक्र ग्रह की शुभता को पाने के लिए जप में प्रयोग की जाती है.


खबर इनपुट एजेंसी से

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