नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के अंतिम दो चरणों का चुनाव बाकी है. छठे और सातवें चरण में 57-57 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है. छठे चरण की 57 सीटों से 869 उम्मीदवार मैदान में हैं तो वहीं सातवें और अंतिम चरण में 904 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इन दो चरणों की सीटों से मैदान में उतरे उम्मीदवारों को लेकर अब एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल वॉच की रिपोर्ट आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक छठे चरण में 21 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं तो वहीं सातवें चरण में 22 फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ.
छठे चरण में 21 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक केस
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक छठे चरण में चुनाव लड़ रहे 869 में से 866 की ओर से नामांकन के समय दिए गए शपथ पत्र का विश्लेषण किया गया. 866 में से 180 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होने की जानकारी दी है जो करीब 21 फीसदी है. 141 यानी करीब 16 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है. छह उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के केस दर्ज हैं तो वहीं 21 के खिलाफ हत्या के प्रयास का. 24 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी शपथ पत्र में दी है जिनमें से तीन के खिलाफ रेप के मामले दर्ज हैं.
हेट स्पीच के आरोप में 16 उम्मीदवारों के खिलाफ केस दर्ज हैं तो वहीं 12 उम्मीदवारों ने ऐसे मामले घोषित किए हैं जिनमें उन्हें दोषी करार दिया गया है. राजनीतिक पार्टियों के लिहाज से देखें तो प्रमुख दलों में आम आदमी पार्टी के पांच में से पांच, राष्ट्रीय जनता दल के चार में से चार, समाजवादी पार्टी (सपा) के 12 में से नौ, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 51 में से 28, एआईटीसी के नौ में से चार, बीजेडी के छह में से दो और कांग्रेस के 25 में से आठ उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
आरजेडी के सभी चार उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी के पांच में चार प्रत्याशियों पर. सपा के 12 में से नौ, बीजेपी के 51 में से 18, एआईटीसी के नौ में से तीन, बीजेडी के छह में से दो, कांग्रेस के 25 में से छह उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामलों में केस दर्ज हैं.
छठे चरण में 35 रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र
कुल मिलाकर देखें तो लोकसभा चुनाव के छठे चरण में करीब 21 फीसदी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इस चरण में जिन 57 सीटों पर मतदान होना है, उनमें से 35 सीटें रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र की कैटेगरी में हैं. रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र की कैटेगरी में उन सीटों को रखा जाता है जहां से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में से तीन या तीन से अधिक उम्मीदवारों ने अपने शपथ पत्र में आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी हो.
छठे चरण में 338 करोड़पति उम्मीदवार
छठे चरण के चुनाव में 866 में से 338 उम्मीदवार करोड़पति हैं. बीजेडी के सभी छह, आरजेडी और जेडीयू के सभी चार, बीजेपी के 51 में से 48, सपा के 12 में से 11, कांग्रेस के 25 में से 20 उम्मीदवार करोड़पति हैं. आम आदमी पार्टी के पांच में से चार और एआईटीसी के नौ में से सात उम्मीदवारों ने अपने शपथ पत्र में एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति होने की जानकारी दी है. छठे चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 6 करोड़ 21 लाख रुपये है.
राजनीतिक पार्टियों के लिहाज से देखें तो बीजेडी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 95.69 करोड़ रुपये प्रति उम्मीदवार है. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की 43.34, बीजेपी उम्मीदवारों की 42.21, आरजेडी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 27.63 करोड़ रुपये है. कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 15.13, सपा उम्मीदवारों की 13.56, एआईटीसी उम्मीदवारों की 8.48 और जेडी(यू) उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.45 करोड़ रुपये है.
487 स्नातक, 12 उम्मीदवार साक्षर
छठे चरण में 332 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है. 487 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक बताई है जबकि 22 उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं. 12 उम्मीदवारों ने खुद को केवल साक्षर घोषित किया है और 13 उम्मीदवार निरक्षर हैं. उम्र के लिहाज से देखें तो 25 से 40 साल के 271 और 41 से 60 साल के बीच के 436 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. 159 उम्मीदवारों की उम्र 61 से 80 वर्ष के बीच है. इस चरण में 92 महिलाएं चुनाव मैदान में हैं.
सातवें चरण में कि 151 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मामले
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक सातवें चरण में 904 उम्मीदवारों में से 199 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. 151 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है. 13 उम्मीदवारों के खिलाफ दोषसिद्ध हो चुका है तो वहीं चार उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हत्या, 27 ने हत्या के प्रयास, 13 ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी शपथ पत्र में दी है. इनमें से दो के खिलाफ रेप के मामले दर्ज हैं. 25 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ हेट स्पीच का केस दर्ज होने की जानकारी दी है.
किस दल के कितने उम्मीदवारों पर आपराधिक केस
राजनीतिक दलों के हिसाब से देखें तो एआईटीसी के नौ में से सात, सपा के नौ में से सात, सीपीआई (एम) के आठ में से पांच, एसएडी के 13 में से आठ, बीजेपी के 51 में से 23, कांग्रेस के 31 में से 12 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं. आम आदमी पार्टी के 13 में से पांच, बीजेडी के छह में से दो, सीपीआई के सात में से दो और बसपा के 56 में से 13 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक केस दर्ज होने की जानकारी दी है.
सपा के नौ में से छह, सीपीआई (एम) के आठ में से चार, बीजेपी के 51 में से 18, एआईटीसी के नौ में से तीन, बीजेडी के छह में से दो, एसएडी के 13 में से चार, आम आदमी पार्टी के 13 में से चार उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. कांग्रेस के 31 में से सात, बसपा के 56 में से 10, सीपीआई के सात में से एक उम्मीदवार पर गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं. इस चरण में रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या 39 है. प्रमुख राजनीतिक दलों ने सातवें चरण में करीब 22 फीसदी ऐसे उम्मीदवार उतारे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज हैं.
सातवें चरण में 299 करोड़पति मैदान में
सातवें चरण में 904 में से 299 उम्मीदवार करोड़पति हैं. एसएडी के 13 में 13, आम आदमी पार्टी के 13 में 13, सपा के नौ में नौ, बीजेडी के छह में छह, कांग्रेस के 31 में से 30, एआईटीसी के नौ में से आठ, बीजेपी के 51 में से 44, सीपीआई (एम) के आठ में से चार और बसपा के 56 में से 22 उम्मीदवारों ने अपने शपथ पत्र में एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति होने की जानकारी दी है. इस चरण में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 3.27 करोड़ रुपये है.
प्रमुख दलों की बात करें तो एसएडी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 25.68, बीजेपी उम्मीदवारों की 18.86, सपा उम्मीदवारों की 14.23 और कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 12.59 करोड़ रुपये है. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 7.62, बीजेडी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 6.61, एआईटीसी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 4.10, बसपा उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.26 करोड़ रुपये है. सीपीआईएम उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.18 करोड़ रुपये की है तो वहीं सीपीआई उम्मीदवारों के पास 75.04 लाख रुपये की औसत संपत्ति है.
सातवें चरण में 430 ग्रेजुएट उम्मीदवार
सातवे चरण के चुनाव में 402 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं कक्षा के बीच होने की जानकारी शपथ पत्र में दी है. 430 उम्मीदवारों ने स्नातक या उससे अधिक, 20 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा बताया है. 26 उम्मीदवारों ने साक्षर और 24 उम्मीदवारों ने शपथ पत्र में निरक्षर होने की जानकारी दी है. दो उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिन्होंने अपने शपथ पत्र में शैक्षिक योग्यता से जुड़ी जानकारी नहीं दी है. 25 से 40 आयुवर्ग के 243, 41 से 60 आयुवर्ग के 481 और 61 से 80 आयुवर्ग के 177 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. तीन उम्मीदवारों ने अपनी उम्र 80 साल से अधिक बताई है. इस चरण में 95 महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं