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ये कौन सा भंडार भर रहा है भारत, इरादा क्‍या है?

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
26/04/25
in राष्ट्रीय, समाचार
ये कौन सा भंडार भर रहा है भारत, इरादा क्‍या है?
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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2024-25 में 57.5 टन सोना खरीदा है। वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता के दौरान सोने की कीमतों में एक तिहाई से अधिक की बढ़ोतरी हुई। आरबीआई ने सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोने का भंडार बढ़ाया है। आरबीआई का सोना खरीदना दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों के सोने खरीदने के ट्रेंड के साथ मेल खाता है। सोना महंगाई से बचाव करता है। यह एक भरोसेमंद एसेट है। खासकर डॉलर में अस्थिरता के समय में।

यह खरीद दिसंबर 2017 में रिजर्व बनाने की शुरुआत के बाद से केंद्रीय बैंक की ओर से की गई दूसरी सबसे बड़ी सालाना सोने की खरीद है। भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी सरकारी बॉन्ड को लेकर चिंताओं के कारण कई केंद्रीय बैंकों ने जोखिम कम करने के लिए अपने सोने के भंडार को बढ़ाया है।

ताजा केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक आरबीआई का कुल सोना भंडार 879.6 टन तक पहुंच गया। पिछले साल इसी अवधि में यह 822.1 टन था। इकनॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई की ओर से सबसे ज्यादा सोना 2021-22 में 66 टन खरीदा गया था। इसके बाद वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 में 35 टन और 27 टन सोना खरीदा गया। नवंबर 2024 में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से डॉलर में काफी उतार-चढ़ाव आया है। इससे सोने का आकर्षण बढ़ा है।

क्‍यों सोने पर बढ़ा है फोकस?

विशेषज्ञों का कहना है कि केंद्रीय बैंकों का सोने पर फोकस अमेरिकी ट्रेजरी की घटती अपील के कारण है। नुवामा के करेंसी और कमोडिटीज के प्रमुख सजल गुप्ता ने कहा, ‘सभी वैश्विक केंद्रीय बैंक अमेरिकी ट्रेजरी पर निर्भरता कम कर रहे हैं और सोने के भंडार को बढ़ा रहे हैं।’

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2024 की ताजा रुझान रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक वैश्विक सोने की मांग के महत्वपूर्ण ड्राइवर बने हुए हैं। उनकी खरीद रणनीतियां आर्थिक स्थितियों और भू-राजनीतिक विकास दोनों को दर्शाती हैं। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा है। 11 अप्रैल, 2025 तक यह 11.8% हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 8.7% था। इस अवधि के दौरान कीमतों में 30% से अधिक की बढ़ोतरी के कारण केंद्रीय बैंक को अपने मौजूदा सोने के भंडार के मूल्य में वृद्धि से लाभ हुआ है।

टॉप 10 ग्‍लोबल केंद्रीय बैंकों में शामिल

भारतीय रिजर्व बैंक सोना भंडार रखने वाले टॉप 10 ग्‍लोबल केंद्रीय बैंकों में शामिल है। तुर्की, स्विट्जरलैंड या चीन में अपने समकक्षों के उलट आरबीआई राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण शायद ही कभी अपने सोने के भंडार का निपटान करता है। रिजर्व बैंक अपनी नवीनतम ‘विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर अर्धवार्षिक रिपोर्ट’ में कहता है, ‘भारत में रिजर्व प्रबंधन के दोहरे उद्देश्य सुरक्षा और तरलता हैं। इसके साथ ही रिटर्न को भी ध्यान में रखा जाता है।’

केंद्रीय बैंक मुद्रा में उतार-चढ़ाव और बाद में रिजर्व के पुनर्मूल्यांकन से बचाव के लिए सोने की खरीद का उपयोग करता है। हालांकि, हाल के आंकड़ों से आरबीआई की सोना खरीद में मंदी का संकेत मिलता है। जनवरी से नवंबर 2024 तक लगातार हर महीने औसतन 6.6 टन की खरीद के बाद बैंक ने दिसंबर और फरवरी में रोक लगा दी। जनवरी और मार्च में इसकी खरीद पिछले मासिक औसत से कम रही।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सोने की खरीद में यह हालिया ट्रेंड आरबीआई के अधिक संतुलित नजरिये का सुझाव दे सकता है। यह भारत के रिजर्व प्रबंधन में सोने के बढ़ते रणनीतिक महत्व को दर्शाता है।’

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