नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से ही हलचल बनी हुई है। पहले उन्होंने अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त मुहिम शुरू की और हाथ तक बांधकर लोगों को उनके देश पहुंचाया गया। उन्होंने हमास और रूस पर जंग रोकने का दबाव बनाया तो वहीं टैरिफ वॉर छेड़कर कारोबारी युद्ध ही शुरू कर दिया। इसके तहत उन्होंने करीब 180 देशों पर टैरिफ लगाया है और वहां से आयात होने वाले सामान में बड़े पैमाने पर टैरिफ लगाया है।
हर सामान के आयात पर कम से कम 10 फीसदी टैरिफ लगा है। 2 अप्रैल से लागू हुआ यह फैसला अमेरिका के इतिहास में सबसे कड़ी व्यापारिक नीति है। इसका असर भारत में भी दिखने की आशंका है। जूलरी मार्केट, गारमेंट एक्सपोर्ट समेत भारत में कई उद्योगों पर इससे सीधा असर दिखेगा। यही नहीं कई चीजें महंगी भी हो सकती हैं।
भारत भी उन देशों में शामिल है, जिस पर अमेरिका ने मोटा टैरिफ लगाया है। अब भारत से अमेरिका जाने वाले किसी भी सामान पर कम से कम 26 फीसदी का टैरिफ लगेगा। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि भारत हमारे सामान पर 52 फीसदी तक का टैरिफ लगाता है। यह अन्याय है और इसके चलते हम 46 अरब डॉलर तक के व्यापारिक घाटे का सामना कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह तो जैसे को तैसा वाला टैरिफ है। लेकिन 180 देशों से एक साथ टैरिफ वॉर में उलझकर अमेरिका ने पूरी दुनिया की चिंताएं बढ़ा दी हैं। भारत से यूरोप तक सभी की टेंशन यह है कि आखिर इससे इकॉनमी पर क्या असर होगा। क्या इससे दुनिया में मंदी की आशंका बढ़ जाएगी।
भारत और अमेरिका के ही कारोबार की बात करें तो यहां से बनकर गई कारों पर अमेरिका 2.5 फीसदी का ही टैक्स वसूलता है। वहीं अमेरिकी कारों पर भारत में 70 फीसदी तक टैक्स लगता है। इसी के चलते भारत में अमेरिकी ब्रांड की कारें महंगी रही हैं और कंपनियों को बिजनेस तक समेटना पड़ गया। इसी तरह भारतीय चावल और सेब पर भी अमेरिका में नाम मात्र का टैक्स लगता है, लेकिन भारत में यह ज्यादा है। इसी तरह जूलरी और डायमंड की बात करें तो भारत के कुल एक्सपोर्ट में अमेरिका की 13 फीसदी हिस्सेदारी है। अब अमेरिकी फैसले से कुछ चीजें महंगी होंगी तो कई चीजें सस्ती भी हो सकती हैं।
इन कपड़ों के दामों में होगा इजाफा
अमेरिका ने वियतनाम पर 46 फीसदी का टैक्स थोपा है। वियतनाम में ही नाइकी, एडिडास जैसी नामी कंपनियों के कपड़े और अन्य स्पोर्ट्स वियर तैयार होते हैं। अब इनके महंगा होने की आशंका है। नाइकी के 50 पर्सेंट जूत और एडिडास के एक चौथाई उत्पाद वियतनाम में ही तैयार होते हैं।
ऐपल का आईफोन भी हो सकता है महंगा
अब भारत समेत कई देशों में हाई डिमांड वाले ऐपल आईफोन की बात कर लें। आईफोन से जुड़े उत्पादों का प्रोडक्शन चीन, वियतनाम, मलयेशिया, थाइलैंड और आयरलैंड जैसे देशों में होता है। इसके अलावा असेंबलिंग भी यहीं होती है। अब टैक्स में इजाफे के बाद इनकी भी महंगाई बढ़ेगी। ऑटो सेक्टर की भी ऐसी ही हालत है। लेकिन इसका असर भारत की बजाय अमेरिकी उपभोक्ताओं पर ज्यादा होगा। अमेरिका में कारें, आईफोन, हेवी मशीनरी आदि महंगे हो जाएंगे।