Monday, May 26, 2025
नेशनल फ्रंटियर, आवाज राष्ट्रहित की
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार
No Result
View All Result
नेशनल फ्रंटियर
Home अपराध संसार

सीधी जिले के जंगलों में दिखा अनोखा जानवर, बना पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र

दुबरी टाइगर रिजर्व सीधी के कुसमी परिक्षेत्र के कंजरा के जंगलों में सफेद चीतल का शावक, वन्यजीवों से संरक्षण के लिए किए जाने होंगे प्रयास

Frontier Desk by Frontier Desk
03/02/20
in अपराध संसार
Share on FacebookShare on WhatsappShare on Twitter

आनंद अकेला
सीधी। पूरे विश्व को सफेद बाघ देने वाला विंध्य क्षेत्र एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। विंध्य की पावन धरा के दुबरी टाइगर रिजर्व सीधी के कुसमी परिक्षेत्र के कंजरा के जंगलों में सफेद चीतल का शावक चर्चा का विषय बना हुआ है।
सीधी जिले स्थित पनखोरा नाला को सफेद बाघ मोहन की जन्मस्थली के नाम से जाना जाता है। यही कारण है कि इस क्षेत्र को मोहन परिक्षेत्र के नाम दिया गया है। इसी सीमा से लगे कुसमी रेंज के कंजरा क्षेत्र के जंगलों में एक सफेद चीतल का शावक रविवार को देखा गया। सफेद रंग का यह शावक चीतल के समूह के साथ था, जिसे मशहूर पर्यावरणविद सुभाष सिंह ने पर्यटक दल के चार अतिविशिष्ट मेहमान के साथ रविवार की दोपहर में देखा।

सफेद शावक चीतल को देखने वाले पर्यावरणविद सुभाष सिंह।

पर्यावरणविद सुभाष सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में चीतलों की संख्या काफी ज्यादा है सफ़ेद रंग के चीतल देखे जाने की यह पहली घटना है। इससे पहले राजस्थान के रणथम्भौर के जंगल में सफेद चीतल देखे गए थे। उन्होंने बताया कि यह रंग उन्हें अनुवांशिक रूप से मिलता है। कई हजारों में ऐसा एक चीतल होता है। उन्होंने बताया कि सफेद रंग के इस शावक चीतल की उम्र चार से पांच माह की है।अतः इसे अन्य जंगली जानवरों से संरक्षित करने की आवश्यकता है। पर्यावरणविद सुभाष सिंह के अनुसार सफेद चीतल को संरक्षित करने से वनअभ्यारण में पर्यटन को काफी गति मिलेगी। साथ ही देश विदेश में विंध्य का नाम भी रोशन होगा।
दुबरी टाइगर रिजर्व कुसमी परिक्षेत्र के रेंजर वीरभद्र सिंह परिहार ने बताया कि मध्यप्रदेश में चीतल बहुतायत संख्या में हैं। जिसके कारण यहां पर्यटकों की आवक ज्यादा रहती है। कंजरा के जंगलों में सफेद चीतल के देखे जाने की घटना को लेकर विभाग गम्भीर है। उसके प्राकृतिक संरक्षण के लिए पूरे प्रयास किये जायेंगे।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

About

नेशनल फ्रंटियर

नेशनल फ्रंटियर, राष्ट्रहित की आवाज उठाने वाली प्रमुख वेबसाइट है।

Follow us

  • About us
  • Contact Us
  • Privacy policy
  • Sitemap

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.

  • होम
  • मुख्य खबर
  • समाचार
    • राष्ट्रीय
    • अंतरराष्ट्रीय
    • विंध्यप्रदेश
    • व्यापार
    • अपराध संसार
  • उत्तराखंड
    • गढ़वाल
    • कुमायूं
    • देहरादून
    • हरिद्वार
  • धर्म दर्शन
    • राशिफल
    • शुभ मुहूर्त
    • वास्तु शास्त्र
    • ग्रह नक्षत्र
  • कुंभ
  • सुनहरा संसार
  • खेल
  • साहित्य
    • कला संस्कृति
  • टेक वर्ल्ड
  • करियर
    • नई मंजिले
  • घर संसार

© 2021 नेशनल फ्रंटियर - राष्ट्रहित की प्रमुख आवाज NationaFrontier.