नई दिल्ली : पिछले कुछ सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में बहुत तेजी से विकास हुआ है. यह तकनीक अब स्मार्ट टेक्नोलॉजी के रूप में दुनिया भर में प्रचलित हो गई है, जैसे कि स्वचालित गाड़ियां, वॉयस असिस्टेंट्स और विभिन्न व्यापारिक सेवाओं में इसका उपयोग किया जा रहा है. AI ने नए अवसर पैदा किए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल भी काफी बड़ा है. एआई जैसे-जैसे हर क्षेत्र में अपने पैर पसार रहा है, वैसे-वैसे लोगों को अपनी नौकरी के भविष्य की चिंता सता रही है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते उपयोग से अधिकतर लोग ऐसा सोच रहे हैं कि जो काम वे कह रहे हैं, आने वाले दिनों में अगर वह काम एआई करने लग जाए तो उन्हें अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ सकती है. कई सेक्टर्स में काम करे रहे कर्मचारियों की यही चिंता है, लेकिन दूसरी और 91 प्रतिशत ऐसे कर्मचारी भी हैं जो पूरे कॉन्फिडेंस से यह कह रहे हैं और मानते हैं कि उनकी जगह एआई कभी नहीं ले पाएगा, ऐसा रिसर्च एंजी (Research Angi) की एक रिपोर्ट बता रही है.
अमेरिका में आज साल 2007 की तुलना में 10 लाख कम लेबर है. 29 प्रतिशत व्यापार मालिकों को रिक्त पदों को भरने के लिए योग्य कर्मचारी नहीं मिल पा रहे हैं और 66% का मानना है कि वे अपनी कंपनी का विस्तार कर सकते हैं यदि उन्हें और अधिक कर्मचारी मिलें. यही कारण है कि एआई का असर स्किल्ड ट्रेड्स पर नहीं पड़ेगा, इनमें कंस्ट्रक्शन वर्कर, प्लंबिंग और इलैक्ट्रिकल की नौकरियां शामिल हैं. सर्वेक्षण में शामिल लगभग 91% कुशल व्यवसायी अपने करियर से “बहुत संतुष्ट” या “कुछ हद तक संतुष्ट” थे. 65% का मानना है कि एआई से उनकी नौकरी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वहीं, 47 प्रतिशत कुशल व्यवसायी ऐसा सोचते हैं कि एआई कभी भी पूरी तरह नौकरियों में अपने पैर पसार नहीं पाएगा.