साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने विपक्ष का चेहरा कौन होगा, ये सवाल विपक्ष के सामने खड़ा हुआ है. अब इसका हल निकालने के लिए विपक्ष की बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है. दिल्ली में 8 सितंबर को NCP प्रमुख शरद पवार से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विपक्ष के कुछ बड़े नेता मुलाकात करेंगे. पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banarjee) ने भी शरद पवार और उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर विपक्ष की साझा बैठक बुलाने की बात कही थी. सूत्रों के मुताबिक, सहमति बनाने की कोशिश की जाएगी. फॉर्मूला ये बनाया जा रहा है कि जिसके ज्यादा सांसद, उसी पार्टी का प्रधानमंत्री होना चाहिए.
पीएम पद की उम्मीदवारी पर किसका दावा मजबूत?
बता दें कि हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीवार बनाने की मांग ने काफी जोर पकड़ा है. बिहार में जेडीयू की गठबंधन की साथी आरजेडी ने भी इसका खुलकर समर्थन किया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी पीएम पद की उम्मीदवारी के लिए नीतीश कुमार का समर्थन कर चुके हैं. वहीं विपक्ष में ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, केसीआर, स्टालिन और अरविंद केजरीवाल जैसे कई अन्य नेता भी हैं जो पीएम पद की उम्मीदवारी पर दावा कर सकते हैं.
किस पार्टी का नेता बनेगा विपक्ष का चेहरा?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विपक्ष की जिस पार्टी के पास सबसे ज्यादा सांसद होंगे, उस पार्टी का प्रधानमंत्री बनाने पर सहमति हो सकती है. जहां बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं तो वहीं शरद पवार के प्रभाव वाले महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं, जिन पर जीत का दावा ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी करती है.
एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहा विपक्ष
इसके अलावा राहुल गांधी को भी कांग्रेस पीएम कैंडिडेट के रूप में आगे कर सकती है. अभी ये कहना मुश्किल है कि विपक्षी की किस पार्टी की ज्यादा सीटें आएंगी और किस पार्टी का नेता पीएम कैंडिडेट बनेगा, लेकिन पीएम मोदी को कड़ी चुनौती देने के लिए विपक्ष 2024 से पहले एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहा है.