नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने रविवार को चौंकाने वाला खुलासा किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि 2024 के संपन्न हो चुके लोकसभा चुनाव को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। आयोग के अनुसार एक झूठा कैंपेन चलाया जा रहा है। ईसीआई की ओर से इसको लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट भी अपलोड की गई है। जिसमें बताया गया है कि चुनाव के संबंध में कुछ भ्रामक बातें कुछ लोग (उम्मीदवारों के अलावा) फैला रहे हैं। चुनाव नतीजों के हर चरण को शाम 7 बजे के अनुमानित मतदान की तुलना को मतदान होने तक से गलत ढंग से कंपेयर किया जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से इसको लेकर अगले दिन डाटा जारी किया जाता है।
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान के दिन शाम 7 बजे तक के मतदान की एक दिन बाद उपलब्ध आंकड़े से गलत ढंग से तुलना की जा रही है। ताकि लोगों के बीच भ्रम फैलाया जा सके। 7 बजे तक जो डाटा जारी होता है, उस समय कई मतदान केंद्रों पर वोटिंग हो जाती है। कई मतदान केंद्रों पर मतदाता अपनी बारी का इंतजार कर रहे होते हैं। अगर किसी उम्मीदवार या अन्य शख्स को इस पर शंका होती है तो RPA 1951 के तहत याचिका दायर की जा सकती है। लेकिन जो ताजा मामले सामने आ रहे हैं, इनको लेकर कोई ईपी (election petition) दायर नहीं किया गया। चुनाव आयोग के अनुसार आम चुनाव 2024 में 79 लोकसभा सीटों में काफी कम संख्या में ईपी दायर किए गए हैं।
पिछले चुनाव में दायर हुए 138 ईपी
इसके मुकाबले पिछले आम चुनाव 2019 में 138 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। वहीं, कांग्रेस ने एक नागरिक मंच की रिपोर्ट का हवाला दिया था। जिसके एक दिन बाद चुनाव आयोग की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से सामने आ रही बातों को लेकर संशय दूर करने का आग्रह किया था। पीटीआई के हवाले से बताया गया था कि महाराष्ट्र की वोट फॉर डेमोक्रेसी (VFD) ने मतदान और गिनती के बीच खामियों का हवाला देते हुए बड़ा दावा किया था। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने मामले में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। जिसमें चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण देने की मांग की गई थी।