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हिंडनबर्ग हमलों के पीछे किसका दिमाग, जिसके निशाने पर पहले अडानी, अब SEBI चीफ

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
12/08/24
in राष्ट्रीय, व्यापार, समाचार
हिंडनबर्ग हमलों के पीछे किसका दिमाग, जिसके निशाने पर पहले अडानी, अब SEBI चीफ
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नई दिल्ली: करीब डेढ़ साल बाद हिंडनबर्ग का भूत फिर से जाग उठा है.  जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर बाजार में खलबली मचा दी थी. अब उस रिपोर्ट ने किसी कंपनी के खिलाफ नहीं बल्कि बाजार नियामक सेबी ( SEBI) चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ जारी किया है. हिंडनबर्ग ने शनिवार रात एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उसने सेबी प्रमुख माधबी पुरी और उनके पति धवल बुच पर कथित अडानी घोटाले के कनेक्शन का आरोप लगाया. अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए कहा कि माधबी बुच और उनके पति के पास एक ऐसे ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी, जिसमें गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का बड़ा निवेश था.

अपनी रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने सेबी चेयरमैन के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.  एक आरोप में तो ये भी कहा गया कि जिस कंपनी में माधबी की बड़ी हिस्सेदारी है, उस कंपनी की सालाना कमाई माधबी की सालाना सैलरी से कई गुना ज्यादा है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अडानी ग्रुप (Adani Group) की वित्तीय अनियमिताओं से जुड़ी थीं. हालांकि माधवी पुरी और अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.  बता दें कि इसी तरह की एक रिपोर्ट जारी कर हिंडनबर्ग ने अडानी समूह को तगड़ा नुकसान पहुंचाया था.  अब जानते हैं कि ये हिंडनबर्ग है कौन ?

हिंडनबर्ग एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म है.  कंपनी के नाम के पीछे भी कहानी है, जिसका कनेक्शन साल 1937 में जर्मनी में हिटलर के राज से था. उस वक्त जर्मनी ने एक कॉमर्शियल पैसेंजर प्लेन बनाया और इसका नाम ‘हिंडनबर्ग एयरशिप’ रखा गया. 6 मई 1937 को यह जहाज जर्मनी से अमेरिका के लिए उड़ा. जहाज में तेज धमाका हो गया. सिर्फ 30 सेकेंड के भीतर जहाज आग का गोला बन गया और देखते ही देखते कई लोगों की जान चली गई. हिंडनबर्ग कंपनी का नाम इसी हादसे से जोड़कर रखा गया.

क्या करती हैं हिंडनबर्ग कंपनी

वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग शेयर बाजार में हो रहे गोलमाल और गड़बड़ियों पर निगरानी रखती है. हिंडनबर्ग का दावा है कि वह व्हिसलब्लोअर की तरह काम करती है और कंपनियों के भीतर चल रही वित्तीय गड़बड़ियों और अनियमितताओं का भंडाफोड करती है. कंपनी दावा करती है कि वो अपने खुलासों से बाजार के निवेशकों की रक्षा करती हैं.

कौन है हिंडनबर्ग रिसर्च के मालिक

साल 2017 में नाथन एंडरसन नाम के शख्स ने हिंडनबर्ग फर्म की नींव रखी थी. अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से पढ़े नाथन ने अपने करियर की शुरुआत एक एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर की. बाद में एंडरसन ने फैक्ट सेट रिसर्च सिस्टम नाम की एक डाटा फर्म शुरू की. उसके बाद इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनियों के साथ काम करते रहे.  हिंडनबर्ग ने कई कंपनियों को लेकर इसी तरह के खुलासे किए हैं. वहीं शेयरों की शॉर्ट सेलिंग कर मोटी कमाई की है. कंपनी ने अडानी ग्रुप समेत अलग-अलग कंपनियों की कुल 19 रिपोर्ट जारी किए हैं.

कितनी है एंडरसन की कमाई

कंपनी का काम शॉर्ट सेलिंग करके पैसा कमाना है. उसकी लिस्ट में अमेरिकी से लेकर भारतीय कंपनियां है. अगर नेटवर्थ की बात करें तो नाथन एंडरसन की संपत्ति के बारे में ऑफिशियल कोई जानकारी नहीं है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक एंडनसन के पास 5 करोड़ डॉलर से अधिक की संपत्ति है.

अडानी को पहुंचाया था 150 अरब डॉलर का नुकसान

बीते साल हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी.  उस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी की कंपनियों के शेयर धड़ाम हो गए. कंपनी को 150 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान पहुंचा था. गौतम अडानी की नेटवर्थ 80 अरब डॉलर तक गिर गई थी. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के 10 दिनों के भीतर गौतम अडानी अरबपतियों की लिस्ट में टॉप 20 से बाहर हो गए थे.

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