नई दिल्ली: पिछले कुछ दिनों में भारत में रेलवे ट्रैकों पर संदिग्ध वस्तुओं की एक श्रृंखला मिल रही है, जिसके चलते ‘रेल जिहाद’ शब्द चर्चा का विषय बन गया है. हाल ही में तीन डरा देने वाली घटनाएं हुई हैं. बुरहानपुर में एक सेना की स्पेशल ट्रेन के ठीक सामने 10 डिटोनेटर फटे. धमाके की तीव्रता कम थी, जिससे ट्रेन को कोई नुकसान नहीं हुआ. कानपुर में रेलवे ट्रैक पर पांच किलो का सिलेंडर रखा मिला और बठिंडा में रेलवे ट्रैक पर एक लोहे का सरिया रखा मिला.
बड़ी साजिश की ओर इशारा
इन घटनाओं ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि क्या ये सभी मिलकर एक बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं? जांच एजेंसियों जैसे NIA, ATS और RPF ने बुरहानपुर मामले में एक आरोपी साबिर को गिरफ्तार किया है, जो रेलवे कर्मचारी बताया जा रहा है. उसकी मंशा और अन्य संभावित धमाकों के बारे में जांच की जा रही है.
रेलवे सुरक्षा पर सवाल
रेलवे सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर तब जब रोज़ाना करीब 2.5 करोड़ लोग भारतीय रेल की सेवाएं लेते हैं. हाल के महीनों में ट्रेन को डिरेल करने की दो दर्जन से अधिक साजिशों का खुलासा हो चुका है, जिससे यह इत्तेफाक नहीं लगता.
रेल जिहाद की घटनाएं…
बुरहानपुर: मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में, एक सेना की स्पेशल ट्रेन के ठीक सामने 10 डिटोनेटर फटे. यह ट्रेन जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही थी, जिसमें सेना के जवान और अधिकारी शामिल थे. हालांकि, धमाके की तीव्रता कम थी, जिससे ट्रेन को कोई नुकसान नहीं हुआ. लेकिन सवाल उठता है कि इस तरह के विस्फोटक रेलवे ट्रैक पर किस मंशा से रखे गए थे.
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बार फिर रेलवे ट्रैक पर एक संदिग्ध पांच किलो का सिलेंडर पाया गया. यह सिलेंडर रेलवे ट्रैक के बीच में रखा गया था, जिसे देख लोको पायलट ने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर संभावित दुर्घटना को टाल दिया. यह घटना इस बात का संकेत है कि कुछ लोग जानबूझकर ट्रेन को नुकसान पहुँचाने की कोशिश कर रहे हैं.
बठिंडा: पंजाब के बठिंडा में रेलवे ट्रैक पर एक लोहे का सरिया रखा मिला. यहां भी लोको पायलट ने समय पर ट्रेन रोककर एक बड़ी दुर्घटना को टालने में सफलता प्राप्त की. माना जा रहा है कि इस सरिये को जानबूझकर रखा गया था ताकि ट्रेन डिरेल हो सके.
सुरक्षा एजेंसियां एक्टिव
सुरक्षा एजेंसियों जैसे NIA, ATS और RPF ने जांच शुरू कर दी है. बुरहानपुर मामले में आरोपी साबिर को गिरफ्तार किया गया है.साबिर रेलवे का कर्मचारी बताया जा रहा है. उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और उसके मकसद को समझने के लिए गहन पूछताछ की जा रही है. पिछले कुछ महीनों में ट्रेन को डिरेल करने की दो दर्जन से अधिक साजिशों का खुलासा हो चुका है, जिससे यह इत्तेफाक नहीं लगता.
सख्त कार्रवाई की जरूरत
इस पूरे मामले पर आम लोगों की चिंता बढ़ रही है. कुछ यात्री बताते हैं कि वे अब रेल यात्रा करते समय डर महसूस कर रहे हैं. यात्रियों का कहना है कि यदि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं करती है, तो यह उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है. यह जरूरी है कि इन घटनाओं के तार जोड़कर इस कथित ‘रेल जिहाद’ के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाया जाए. अगर यह साजिश सच है, तो इसे रोकना बेहद जरूरी है ताकि रेलवे प्रणाली में विश्वास बनाए रखा जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.