पटना : नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री के अलावे आठ मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। इसमें बीजेपी और जेडीयू से और किन-किन नेताओं को मंत्री बनाया जाएगा, राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा अपने नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को दिल्ली तलब किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बिहार प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े समेत कई नेताओं से दोनों ने मुलाकात की।
मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सम्राट चौधरी ने कहा कि अमित शाह, राजनाथ सिंह और विनोद तावडे जी से मुलाकात हुई है। राजनाथ जी ने बहुत कारगर मार्गदर्शन दिया है। पार्टी संगठन के साथ-साथ बिहार में विकास की गति को कैसे तेज किया जाए इस पर सीनियर नेताओं का गाइडलाइन प्राप्त हुआ है। कैबिनेट विस्तार में पुराने या नए चेहरों को शामिल करने के सवाल पर सम्राट चौधरी ने डिप्लोमेटिक उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि अभी हमें सिर्फ इतना ही निर्देश मिला है कि बिहार की बेहतरी और विकास के लिए हमें क्या करना है। सात निश्चय पार्ट 2 हमारा 2020 का कमिटमेंट है। अभी हमें इसे पूरा करना है। किन लोगों को मंत्री बनाया जाएगा यह हमारी पार्टी बाद में तय करेगी। उसमें ऊपर के नेताओं का जो निर्देश प्राप्त होगा उसका पालन किया जाएगा।
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने भी मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि मार्गदर्शन लेने के लिए वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात हुई है। डबल इंजन की सरकार में कम समय में कैसे बिहार में विकास के बेहतर कार्य हों, इस पर चर्चा हुई है। कांग्रेस विधायकों को दिल्ली में रखे जाने पर उन्होंने हमला करते हुए कहा कि जो विधायक जनता के विश्वास से जीत कर आए हैं कांग्रेस पार्टी उन पर विश्वास कर रही है। लोकतंत्र के लिए यह बहुत दुखद है।कांग्रेस डरी हुई है और अपने विधायकों को बंधुआ मजदूर की तरह बंद के रखी है।