हिंदू धर्म में हर साल की तरह इस साल 2024 में भी फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर होलिका की पूजा एवं दहन किया जाएगा. पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 24 मार्च दिन रविवार को किया जाएगा. हिंदू मान्यता के अनुसार जिस होलिका दहन की पूजा, उसकी अग्नि और राख का संबंध तमाम तरह की मुसीबतों को दूर करने और सुख-सौभाग्य को पाने के लिए माध्यम माना गया है, उसी होलिका की पूजा और उसे देखने को लेकर भी कुछ खास बातें हैं. आइए जानते हैं कि होली से पहले की जाने वाली होलिका दहन की पूजा किन लोगों को भूलकर भी नहीं देखना चाहिए.
हिंदू मान्यता के अनुसार जिन कन्याओं की नई शादी हुई हो, उन्हें विवाह के बाद पहली होली पर भूल से भी होलिका दहन पूजा नहीं करनी चाहिए और न ही होलिका को जलते हुए देखना चाहिए. होलिका को देखने पर दोष लगता है और उसके सुख-सौभाग्य में कमी आने की आशंका बनी रहती है. किसी नवविवाहिता द्वारा होलिका दहन देखने पर उसकी सुखद कामनाएं भी उसी होलिका की आग में जल जलकर राख हो जाती हैं. जिससे उन्हें जीवन में कई परेशानियां उठानी पड़ती हैं.
इन बातों का रखें खास ध्यान
हिंदू धर्म में माना जाता है कि बहू को सास के साथ होलिका दहन की पूजा नहीं करनी चाहिए. सास-बहू का एक साथ होलिका को देखना और एक साथ पूजा करने को बड़ा दोष माना गया है. इस नियम की अनदेखी करने वालों के यहां सास और बहू के रिश्ते में हमेशा झगड़ होते रहते हैं और उनका आपसी प्रेम कम हो जाता है.
गर्भवती महिलाएं होलिका दहन से रहें दूर
सनातन परंपरा में गर्भवती महिलाओं के लिए पूजा-पाठ से जुड़े हुए कुछ खास नियम बताए गए हैं. जिनका पालन करने पर उसे स्वस्थ और सुंदर संतान की प्राप्ति होती है, जबकि उन नियमों की अनदेखी करने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है. होलिका दहन को लेकर भी गर्भवती महिलाओं के नियम बनाए गए हैं, जिसके अनुसार न तो उन्हें होलिका दहन की पूजा और न उसे जलते हुए देखना चाहिए. मान्यता है कि होलिका दहन से लगने वाले दोष का गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है.
ये लोग भी न देखें होलिका दहन
हिंदू परंपरा के अनुसार, जिन लोगों की इकलौती संतान होती है, उन्हें होलिका दहन नहीं देखना चाहिए और न ही उसकी पूजा करने जाना चाहिए. उनकी जगह उस घर से जुड़े किसी बड़े बुजुर्ग को जाकर इसकी पूजा और पंरपरा निभानी चाहिए.
होलिका दहन से नवजात बच्चे को रखें दूर
होली से पहले किए जाने वाले होलिका दहन (Holika Dahan) को देखना और पूजा करना भले शुभ माना जाता हो लेकिन नवजात शिशु के लिए यह बड़े दोष का कारण बनता है. मान्यता है कि जिस जगह पर होलिका दहन किया जाता है, वहां पर नकारात्मक शक्तियों का खतरा बना रहता है. ऐसे में नवजात शिशु को होलिका दहन वाली जगह पर भूलकर भी नहीं ले जाना चाहिए. इससे लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.