सोशल मीडिया लोगों को जोड़ने के लिए है, लेकिन कई लोगों ने इसे अफवाहें फैलाने का जरिया बना लिया है। कई बार ये अफवाहें बवाल करा देती हैं, लोगों की जान पर भारी पड़ जाती हैं, लेकिन लोग फर्जी सूचनाओं को आगे बढ़ाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते। बकरीद के मौके पर ऐसी ही एक अफवाह ने पुलिस और प्रशासन को पूरा दिन परेशान किए रखा। 21 जुलाई को सोशल मीडिया के जरिए बदरीनाथ धाम में एक समुदाय विशेष के लोगों पर नमाज पढ़ने का आरोप लगा। बात इतनी बढ़ी कि विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल के नेता ज्ञापन लेकर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के पास पहुंच गए। उन्होंने कैबिनेट मंत्री को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग भी की। अब इसे लेकर चमोली पुलिस का बयान आया है।
बयान में पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरें पूरी तरह फर्जी हैं। कोरोना की वजह से धाम में किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। सोशल मीडिया पर धाम में नमाज पढ़े जाने को लेकर भ्रामक संदेश फैलाया जा रहा है। चमोली पुलिस ने ये भी बताया कि बदरीनाथ धाम में आस्था पथ नाम की जगह पर पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है। विशेष समुदाय के कुछ मजदूर यहां काम कर रहे हैं। ईद के मौके पर इन लोगों ने बंद कमरों में कोविड नियमों का पालन करते हुए नमाज अता की है। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर फैल रही खबरों को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं, अगर नियम तोड़े गए हैं तो ऐसा करने वालों के खिलाफ डीएम एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। चमोली पुलिस ने जनता से भ्रामक मैसेज फॉरवर्ड न करने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की।
खबर इनपुट एजेंसी से